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मध्यप्रदेश में कलेक्टरों के तबादलों पर 25 नवंबर से रोक


भोपाल। तबादलों पर प्रतिबंध होने के बावजूद मुख्यमंत्री समन्वय से अनुमति लेकर हो रहे तबादलों पर 25 नवंबर से ब्रेक लग जाएगा। चुनाव आयोग मतदाता सूची में एक जनवरी 2020 की स्थिति में 18 साल के होने वाले युवाओं के नाम शामिल करने के लिए अभियान चलाएगा। 25 नवंबर को सभी जिलों में मतदाता सूची का प्रारंभिक प्रकाशन होगा। इसके बाद कलेक्टर (जिला निर्वाचन अधिकारी), एसडीएम (निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी) और बूथ लेवल ऑफिसर (शिक्षक सहित अन्य कर्मचारी) के तबादलों पर रोक लग जाएगी। यदि सरकार को किसी अधिकारी को तबादला करना बेहद जरूरी है तो इसके लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी। यह व्यवस्था मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन 20 जनवरी तक रहेगी।


सूत्रों के मुताबिक सरकार के स्तर पर कुछ कलेक्टरों का तबादला करने की सुगबुगहाट काफी दिनों से चल रही है, लेकिन किसी न किसी वजह से यह टलता रहा है। बताया जा रहा है कि मतदाता सूची और विधानसभा के शीतकालीन सत्र की वजह से बड़े स्तर पर यह काम अब जनवरी के बाद ही होगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि चुनाव आयोग के स्थाई आदेश हैं कि जब तक मतदाता सूची का काम चले, तब तक इसमें लगे अधिकारियों-कर्मचारियों को स्थानांतरित न किया जाए। एक प्रकार से इस काम के दौरान कलेक्टर, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और बूथ लेवल ऑफिसर चुनाव आयोग की प्रतिनियुक्ति पर रहते हैं।


25 नवंबर को मतदाता सूची का प्रारंभिक प्रकाशन होना है। इसके बाद नाम जोड़ने, हटाने या संशोधन के लिए दावे-आपत्ति लिए जाएंगे। बीएलओ घर-घर सर्वे कर आवेदन भरवाएंगे। दावे-आपत्ति का निराकरण करने के बाद अंतिम मतदाता सूची तैयारी होगी और उसका प्रकाशन 20 जनवरी को किया जाएगा। इसी दौरान ऐसे मतदाता, जिनके पास ब्लैक एंड व्हााइट फोटो वाले मतदाता परिचय पत्र हैं, उनकी रंगीन फोटो वाले कार्ड तैयार किए जाएंगे।


तबादला करने के लिए भेजनी होगी पैनल


सरकार को किसी भी कलेक्टर का तबादला करना यदि जरूरी है तो इसके लिए उसे पैनल बनाकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के माध्यम से चुनाव आयोग भेजनी होगी। आयोग सामान्य तौर पर शासन के पक्ष को स्वीकार कर एक नाम को मंजूरी दे देता है। इसके बाद ही तबादला आदेश निकाले जा सकते हैं।


मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव का कहना है कि यह एक सामान्य व्यवस्था है। जब भी मतदाता सूची का काम चलता है तो इससे जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों को स्थानांतरित नहीं किया जाता है। 20 नवंबर को मतदाता सूची का प्रारंभिक प्रकाशन होना है। इसके बाद कलेक्टरों के तबादले विशेष परिस्थिति में ही आयेाग की अनुमति से ही होंगे।


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