भोपाल। विदेश जाकर पीजी और पीएचडी करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग द्वारा दी जाने वाली स्कॉलरशिप के नियमों में बदलाव करने से दावेदार छात्रों की संख्या में दस गुना तक बढ़ोतरी हो गई है। अंतिम तिथि तक इस बार तीस से ज्यादा छात्रों ने आवेदन किया है, जबकि अब तक सिर्फ तीन से चार छात्र आवेदन करते थे। खास बात यह है कि इसमें से सिर्फ एक छात्र ग्रामीण क्षेत्र का रहने वाला है, जबकि शेष सभी शहरी इलाकों के हैं। विभाग को उम्मीद है कि अगली बार आवेदनों की संख्या और बढ़ जाएगी।
दरअसल, विदेश जाकर पीएचडी और पीजी करने वाले छात्रों को उच्च शिक्षा विभाग चालीस हजार अमेरिकी डॉलर प्रतिवर्ष अधिकतम दो वर्ष के लिए देता है। इसे देने के लिए इस बार नियमों में बदलाव किया था।
अब सिर्फ 60 फीसदी अंक लाने पर ही मिल जाएगी स्कॉलरशिप
पहले यूजी और पीजी में 75% अंक प्राप्त करने वाले को स्कॉलरशिप दी जाती थी। लेकिन, अब 60% अंक लाने वाले छात्रों को भी स्कॉलरशिप दी जाएगी। इसी तरह अब तक सिर्फ मप्र के संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों को ही इसका लाभ दिया जाता था, लेकिन अब मप्र के मूल निवासी जो देशभर के किसी भी संस्थान से पढ़ रहे हैं, वे भी आवेदन कर सकेंगे।
इसी तरह परिवार की अधिकतम आय सीमा 5 से बढ़ाकर 8 लाख रुपए कर दी गई है। स्कॉलरशिप लेने के लिए सभी वर्ग के छात्र पात्र हैं। स्कॉलरशिप के लिए पहले वर्ष में सिर्फ एक बार ही आवेदन प्रक्रिया होती थी। अब यह प्रक्रिया साल में दो बार होगी।
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई संशोधित स्कॉलरशिप स्कीम के तहत साल में दो बार में 10-10 छात्रों को चयनित किया जाएगा। पहली बार जनवरी में स्कॉलरशिप दी जाएगी और दूसरी बार जुलाई में चयन प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसमें 7-7 छात्रों को पीजी के लिए स्कॉलरशिप दी जाएगी। वहीं 3-3 छात्रों को पीएचडी की स्कॉलरशिप के लिए चयनित किया जाएगा।
एक महीने में पूरी हो जाएगी प्रक्रिया
अब आवेदनों की छंटनी की जा रही है। एक महीने के अंदर सभी प्रक्रिया पूरी कर योग्य छात्रों की सूची जारी कर दी जाएगी। हर बार की अपेक्षा इस बार काफी आवेदन मिले हैं। उम्मीद है कि अगली बार इसकी संख्या और बढ़ जाएगी।
डॉ. धीरेन्द्र शुक्ला, ओएसडी उच्च शिक्षा विभाग
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