उज्जैन पंचांगीय गणना के अनुसार पौषमास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर 16 दिसंबर को सोमवार के दिन दोपहर 3.28 बजे सूर्य का धनु राशि में प्रवेश होगा। धर्मशास्त्रीय मान्यता में सूर्य का धनुराशि में प्रवेश धनुर्मास कहलाता है। इसे मलमास भी कहा जाता है। इसमें शुभ मांगलिक कार्य निषेध माने गए हैं। अब मकर संक्रांति के बाद सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के बाद मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी।
ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला के मलमास में साधना, उपासना, कल्पवास, तीर्थाटन की दृष्टि से श्रेष्ठ है। इस माह में भक्तों को भगवगत भजन व कथा पारायण का श्रवण करना चाहिए। धनुर्मास में दान का विशेष महत्व बताया गया है। क्योंकि धनु राशि के स्वामी बृहस्पति हैं, इनका सूर्य से समसप्तक संबंध बताया गया है। सूर्य साध्ाना के लिए यह महीना विशेष है, इसलिए सूर्य की अनुकूलता के लिए सूर्य से संबंधित वस्तुओं का दान करना चाहिए
धनुर्मास में पंचग्रही योग
16 दिसंबर को सूर्य का धनु राशि में प्रवेश होगा। इस राशि में पहले से ही गुरु,शनि, केतु मौजूद हैं, ऐसे में चर्तुग्रही योग का निर्माण होगा। 24 दिसंबर को बुध भी धनु राशि में प्रवेश करेंगे, जो पंचग्रही योग बनाएंगे। 26 दिसंबर को सूर्यग्रहण होने से यह अलग-अलग क्षेत्रों में भिन्न प्रभाव डालेगा। इस पक्षकाल में अमानवीयता को लेकर ध्ारना, उग्रप्रदर्शन, व आंदोलन होंगे। ग्रहयुति का यह प्रभाव जनवारी में आधे माह तक लागू रहेगा
उज्जयिनी में प्राचीन सूर्य मंदिर
केडी पैलेस महल में भगवान सूर्य नारायण का प्राचीन मंदिर है। धनुर्मास में भक्त यहां दर्शन पूजन के लिए पहुंचेंगे। पं. डब्बावाला के अनुसार धर्नुमास में सूर्यनारायण के साथ पंच महाभूत का पूजन विशेष है। इससे आत्मबल, बुद्धिबल तथा शारीरिक बल की प्राप्ति होती है
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