अगर आप अपने दांतों की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखते हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर है। मगर, यदि आप दातों को साफ नहीं करते हैं, तो इस खबर को पढ़ने के बाद अपनी आदत को बदल लें। दरअसल, एक अध्ययन में पाया गया है कि दांतों को बार-बार ब्रश करने से एट्रियल फाइब्रिलेशन और हार्ट फेल्योर का जोखिम कम हो जाता है। शोध के अनुसार, दिन में तीन या अधिक बार ब्रश करने से एट्रियल फाइब्रिलेशन का जोखिम 10 प्रतिशत और हार्ट फेल्योर का जोखिम 12 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।
यह अध्ययन यूरोपियन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी में प्रकाशित हुआ है। इसमें कहा गया है कि कोरियाई राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा प्रणाली के 40 से 79 वर्ष की आयु के एक लाख 61 हजार 286 प्रतिभागियों शामिल किया गया था। दक्षिण कोरिया में एवा महिला विश्वविद्यालय (Ewha Woman's University) के लेखक ते-जिन सोंग ने कहा कि हमने दक्षिण कोरिया में एक बड़े समूह का अध्ययन किया, जो हमारे निष्कर्षों को मजूबत आधार देता है
उन्होंने कहा कि पिछला शोध बताता है कि खराब मौखिक स्वच्छता (ओरल हाईजीन) से रक्त में बैक्टीरिया हो जाते हैं, जिससे शरीर में सूजन आ जाती है। इसकी वजह से आर्टियल फिब्रिलेशन (अनियमित दिल की धड़कन) और हार्ट फेल्योर (हृदय को रक्त पंप करने या आराम करने और रक्त से भरने की क्षमता बिगड़ जाना) के जोखिमों बढ़ जाते हैं। इस अध्ययन में मौखिक स्वच्छता और इन दो स्थितियों की घटना के बीच संबंध की जांच की गई
उन्होंने बताया कि प्रतिभागियों ने साल 2003 और 2004 के बीच नियमित चिकित्सा जांच कराई। इस दौरान उनकी ऊंचाई, वजन, बीमारियों, जीवन शैली, मौखिक स्वास्थ्य और मौखिक स्वच्छता व्यवहार पर जानकारी एकत्र की गई। 10.5 साल के दौरान, 4,911 (3.0 प्रतिशत) प्रतिभागियों को आर्टिएल फिब्रिलेशन और 7,971 (4.9 प्रतिशत) को हार्ट फेल्योर की समस्या हुई।
नतीजे आयु, लिंग, सामाजिक आर्थिक स्थिति, नियमित व्यायाम, शराब का सेवन, बॉडी मास इंडेक्स, और उच्च रक्तचाप जैसे कई कारकों से स्वतंत्र थे। शोधकर्ताओं के अनुसार, एक संभावना यह है कि लगातार दांतों को ब्रश करने से दांतों और मसूड़ों के बीच रहने वाले बैक्टीरिया कम हो जाते हैं, जिससे उनका रक्तप्रवाह में जाना रोका जा सकता है
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