भोपाल। यूरिया की किल्लत को लेकर प्रदेशभर से आई खबरों के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए कि खाद वितरण को पहली प्राथमिकता में रखें। कानून व्यवस्था की स्थिति किसी भी सूरत में पैदा न हो। कालाबाजारी न हो और मिलावटी खाद भी बाजार में नहीं बिकना चाहिए। निजी खाद विक्रेता किसानों को महंगी दर पर खाद न बेच पाए, इसकी निगरानी करें। उन्होंने ट्वीट कर यह भी कहा कि भाजपा यदि सच्ची किसान हितैषी है तो इस मुद्दे पर राजनीति करने की बजाए अपनी केंद्र सरकार पर दबाव डालकर राज्य की मांग के हिसाब यूरिया की आपूर्ति सुनिश्चित कराए। हम लगातर यूरिया का कोटा बढ़वाने का प्रयास कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में जनकल्याण कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंस के जरिए कलेक्टरों से कहा कि खाद वितरण के मामले में कोई कोताही न हो, यह सुनिश्चित किया जाए। कलेक्टर खुद पूरी व्यवस्था को देखें। यूरिया की उपलब्धता को लेकर सरकार लगातार काम कर रही है। केंद्र सरकार से भी जरूरत के हिसाब का यूरिया मांगा गया है। लगातार आपूर्ति भी हो रही है। धान की खरीदी का भुगतान किसानों को समय पर किया जाए। बोरों का भी पर्याप्त इंतजाम रखा जाए। सड़कों की मरम्मत का काम पूरे प्रदेश में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इसके बाद भी यदि किसी सड़क की मरम्मत शुरू न हुई हो तो सूची तैयार करके भेजी जाए। सभी पात्र व्यक्तियों को दिसंबर अंत तक वन अधिकार पट्टे बांटे जाएं। गरीब आदिवासियों से जुड़े इस मुद्दे पर किसी भी तरह की लापरवाही सहन नहीं की जाएगी। ग्राम युवा शक्ति समिति और किसान बंधु को नियुक्त करने की कार्रवाई भी जल्द पूरी की जाए
समाधान का कार्यक्रम है आपकी सरकार-आपके द्वार
मुख्यमंत्री ने बैठक में इस बात पर नाखुशी जताई कि आपकी सरकार-आपके द्वार को सिर्फ एक कार्यक्रम की तरह चलाया जा रहा है। यह शिकायत को एकत्र करने नहीं बल्कि समाधान का कार्यक्रम है। कलेक्टर इसे प्रभावी ढंग से चलाएं और मैदानी अधिकारियों को भी इसी मानसिकता के साथ काम करने के लिए प्रेरित करें
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