अगर आप साईं बाबा के भक्त हैं या फिर आप शिरडी जाने के लिए सोच रहे हैं तो ये खबर आपको थोड़ा परेशान कर सकती है. हिंदू और मुसलमानों की आस्था के प्रतीक साईं बाबा का शहर शिरडी अनिश्चित काल तक बंद हो सकता है. अनिश्चितकाल तक बंद किए जाने का मतलब ये कि अब शिरडी में साईं बाबा के दर्शन के लिए जाने वाले उनके भक्तों को अपने बाबा के दर्शन तो मिलेंगे लेकिन शिरडी शहर में न पानी मिलेगा,न खाना मिलेगा और न ही रहने की सुविधा होगी.
दरअसल इसके पीछे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का एक बयान है. इस बयान में उन्होंने कहा था, ''परभणी जिले के नजदीक पाथरी गांव में साईं बाबा के जन्म स्थान पर 100 करोड़ के विकास काम करवाएंगे. पाथरी गांव में इस प्रोजेक्ट पर काम किया जाएगा.'' सीएम के इस एलान के बाद शिरडी के लोग नाराज हैं.
शिरडी के लोगों का कहना है कि सरकार ये साफ करे कि पाथरी में विकास का काम इसलिए नहीं होगा कि वहां साईं का जन्म हुआ है. साईं बाबा के जन्म स्थान पर हुए विवाद को लेकर शिवसेना के मंत्री अब्दुल सत्तार से बात की. सत्तार ने साफ किया कि उद्धव ने ऐसा एलान क्यों किया.
अब्दुल सत्तार ने कहा, ''साईं बाबा के जन्म स्थान पाथरी को को सरकार की तरफ से जो फंड देने की बात हुई है उसपर बाकयदा मीटिंग हुई है. उस मीटिंग में मैं भी मौजूद था. मुख्यमंत्री को कागजातों के साथ बताया गया है कि साईं बाबा का असली जन्म स्थान परबनी के पाथरी गांव में ही हुआ था. इसी के आधार पर उस गांव के विकास के लिये सरकार की तरफ से सहायता की जा रही है.''
उन्होंने कहा कि ये विवाद पुराना है. पाथरी के विकास से शिरणी के साईं बाबा के मंदिर पर कोई असर नही पड़ने वाला. मंदिर को बंद रखना शिरणी के लोगों का सही निर्णय नही है. शिरडी के लोगों का ये कहना है कि साईं बाबा का जन्म पाथरी में नहीं बल्कि शिरडी में हुआ है. लेकिन सत्तार पाथरी में साईं बाबा के जन्म के सबूत की बात कर रहे हैं.
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