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छत्तीसगढ़ की पहली पंचायत 'कर्रा', जहां महिलाओं के हाथों में होगी गांव की सरकार


बिलासपुर  मस्तूरी विकासखंड के कर्रा प्रदेश की पहली ग्राम पंचायत होगी, जिसका बागडोर पूरी तरह से महिलाओं के हाथों में रहेगी। यहां 10 वार्ड में से चार अनारक्षित है। वहीं छह वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित है। चार सामान्य वार्डों में किसी में भी पुरुष ने अपनी दावेदारी नहीं की है। लिहाजा पंच-सरपंच का चुनाव महिलाओं के बीच ही होगा। 748 मतदाताओं वाली इस नई पंचायत में 10 वार्ड हैं। इसमें सरपंच पद अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित है। इसके अलावा छह वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित हुआ है। वहीं चार वार्ड अनारक्षित है जिसमें महिला और पुरुष कोई भी चुनाव लड़ सकते थे। लेकिन यहां किसी भी पुरुष ने दावेदारी नहीं की है। इससे स्पष्ट हो गया है कि इस पंचायत में पंच से लेकर सरपंच सभी महिलाएं ही होंगी।


शत प्रतिशत महिला जनप्रतिनिधि वाला ग्राम पंचायत बनने वाला संभवत: यह छत्तीसगढ़ का पहला ग्राम पंचायत होगा। इसे लेकर पंचायत में जश्न का माहौल है। साथ ही यहां के पुरुषों ने लोगों के सामने एक उदाहरण पेश किया है। गौरतलब है कि कर्रा पंचायत, जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 10 मस्तूरी पिछड़ा वर्ग महिला और मस्तूरी जनपद पंचायत क्षेत्र क्रमांक चार भी पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित है।


अब इस क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य के अलावा पंच और सरपंच सभी महिलाएं होंगी। यह महज एक संयोग है कि त्रिस्तरीय पंचायती राज का संपूर्ण कमान इस क्षेत्र में महिलाओं के पास रहेगी।


निर्विरोध चुनी गईं चार महिला पंच


कर्रा पंचायत के 10 वार्ड में से चार में महिलाएं निर्विरोध पंच चुन ली गई हैं। छह वार्डों में 12 महिला उम्मीदवार हैं। सरपंच के लिए दो आदिवासी महिलाएं अपनी किस्मत आजमा रही हैं। वार्ड चार से सावित्री, सात से ललिता, आठ से जय कुमारी, 10 से चमेली निर्विरोध पंच चुनी गई हैं।


जबकि वार्ड एक से रूकमणी और मंगनी, दो में राजकुमारी और शंकुतला, तीन में सरस्वती व पूर्णिमा, पांच में शंकुतला बिंछवार व लखनी, छह में रागिनी व मीना बाई व नौ में शांति व रामबाई ने पंच पद के लिए नामांकन दाखिल किया है।


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