भोपाल। Madhya Pradesh Honey Trap Case दो मंत्रियों के विशेष सहायक के नाम हनी ट्रैप से जुड़े मानव तस्करी के मामले के चालान में आने के बाद सरकार ने उन्हें मंत्री स्टाफ से हटा दिया। खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल के पास अरुण निगम और खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के पास हरीश खरे पदस्थ थे। मुख्यमंत्री कमलनाथ की नाराजगी के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने दोनों विशेष सहायक को हटाकर उनकी सेवाएं मूल विभाग को वापस लौटा दीं। 'नईदुनिया' ने 31 दिसंबर को 'हनी ट्रैप में घिरे मंत्रियों के ओएसडी पर गिरेगी गाज' शीर्षक से प्रकाशित खबर में सरकार के संभावित कदम के बारे में जानकारी दी थी।
एसआईटी (विशेष जांच दल) द्वारा की जा रही हनी ट्रैप मामले की जांच में मानव तस्करी से जुड़े प्रकरण में पिछले दिनों हरीश खरे और अरुण निगम के नाम सामने आए थे। चालान में मोनिका यादव के बयानों में कहा गया था कि दोनों ने खुद को सरकारी अधिकारी बताकर मुलाकात की थी। यह राजफाश होने के बाद खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रमुख सचिव अशोक बर्णवाल से विशेष सहायक को हटाने को लेकर बात की थी। उन्होंने लिखित में देने के लिए कहा था। तोमर का पत्र मंत्रालय पहुंचने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने खरे की सेवाएं मूल विभाग महिला एवं बाल विकास विभाग को लौटा दीं।
इसी तरह खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल के अनुरोध पर आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक संचालक अरुण निगम की सेवाएं लौटा दी गईं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को मंत्रियों के साथ अनौपचारिक कैबिनेट में चर्चा करते हुए सभी मंत्रियों को भाजपा शासनकाल में मंत्रियों के यहां पदस्थ रहे स्टाफ को हटाने के लिए कहा है। बताया जा रहा है अगले एक सप्ताह में कुछ और मंत्रियों के यहां से भाजपा सरकार में मंत्री स्टाफ में पदस्थ रहे कुछ अधिकारियों की छुट्टी हो सकती है।
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