भारतीय रिजर्व बैंक को 4300 करोड़ रुपये के PMC बैंक घोटाले और इसके रियल्टी सेक्टर की कंपनी HDIL के दिवालिया होने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. एक RTI आवेदन के जवाब में केंद्रीय बैंक ने बताया कि उसे इस संबंध में सितंबर, 2019 में की गई एक शिकायत से जानकारी मिली थी. RBI ने CNN-News18 के RTI आवेदन पर दिए गए जवाब में स्वीकारा है कि उसकी ओर से पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक को 2014 से कोई नोटिस या चेतावनी जारी नहीं की गई थी.
RBI रिकॉर्ड मैनेजमेंट पॉलिसी के तहत साल 2014 से पहले के सभी रिकॉर्ड नष्ट कर चुका है्. जानकारी के लिए बता दें कि CNN-News18 ने RTIआवेदन के जरिये घोटाले में फंसे बैंक की जांच रिपोर्ट के साथ ही जुर्माना और नोटिस की प्रतियां मांगी थीं. जिसके बाद RBI ने बताया कि 31 मार्च 2019 को खत्म हुए वित्त वर्ष की जांच रिपोर्ट अभी तैयार हो रही है.
इतना ही नहीं केंद्रीय बैंक से 2015 से 2018 के बीच PMC बैंक को लेकर तैयार की गई रिपोर्ट के बारे में भी पूछा गया था. इस पर केंद्रीय बैंक ने कहा कि 2014 से पीएमसी बैंक को न तो कोई नोटिस जारी किया गया है और न ही कोई चेतावनी दी गई है. केंद्रीय बैंक ने 2014 से 2018 के बीच घोटाले की जांच कर रहे अधिकारियों के नाम सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया.
बैंक के मुताबिक RTI Act की धारा-8(1)(g) के तहत जांच अधिकारियों की सुरक्षा को देखते हुए उनके बारे में जानकारी नहीं दी जा सकती है. साथ ही अप्रैल 2014 से पहले की जानकारी उपलब्ध नहीं है. आरबीआई ने कहा कि इस अवधि से पहले का रिकॉर्ड पॉलिसी के तहत नष्ट किया जा चुका है.
RBI ने शिकायत मिलने के बाद, शुरू हुई जांच में Financial Irregularities पाए जाने के बाद 23 सितंबर, 2019 को बहु-राज्यीय को-ऑपरेटिव बैंक पर प्रतिबंध लगा दिए थे. इस जांच में सामने आया कि पाया गया कि HDIL ने सैकड़ों संदिग्ध खातों के जरिये काफी कर्ज लिए थे. जिसके बाद RBI ने PMC बैंक के बोर्ड को बर्खास्त कर दिया था.
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा और प्रवर्तन निदेशालय इस मामले की जांच कर रहे हैं. PMC बैंक और HDIL के कई बड़े अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया है.
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