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मध्‍य प्रदेश में भगवान महाकाल कड़ाके की सर्दी के बीच भगवान को सर्दी से बचान के लिए मंदिरों में अलग-अलग जतन किए जा रहे हैं


उज्जैन। इस बार मालवा में सर्दी ने पिछले रिकार्ड तोड़ दिए हैं। शहर बर्फीली हवा ओर कोहरे के आगोश में है। ऐसे में भगवान को भी सर्दी से बचाने के जतन शुरू हो गए हैं। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में राजाधिराज को संध्या आरती में केसर के गर्म दूध का भोग लगाया जा रहा है। इस्कॉन मंदिर में भगवान राधा मदनमोहन को शाल ओढ़ाई जा रही है।श्रीलप्रभु पाद प्रभुजी को भी नित्य गर्म कपड़े पहनाए जा रहे हैं।


पं.महेश पुजारी ने बताया ज्योतिर्लिंग की परंपरा में कार्तिक मास की रूप चतुर्दशी से सर्दी की शुरुआत मानी जाती है। इस दिन से भगवान को तड़के भस्मारती में गर्म जल से स्नान कराने का क्रम शुरू हो जाता है, फाल्गुन पूर्णिमा तक भगवान गर्म जल से स्नान करते हैं। सर्दी में भगवान को संध्या आरती में केसर युक्त दूध का भोग लगाया जा रहा है।


भगवान को गर्म कपड़े, भोग में खजूर के गुड़ की खीर



भरतपुरी स्थित इस्कॉन मंदिर में भगवान राधा मदनमोहन को सर्दी से बचाने के खास जतन किए जा रहे हैं। पीआरओ राघव पंडित दास के अनुसार भगवान को नित्य शाल, स्वेटर आदि गर्म कपड़े धारण कराए जा रहे हैं। भोग की अष्टकालिक सेवा में तड़के 4.30 बजे भगवान को केसर युक्त गर्म दूध का भोग लगाया जाता है। दोपहर 12 बजे राज भोग में खजूर के गुड़ से बनी खीर के साथ 12 प्रकार की सब्जी, दाल, चावल, रोटी आदि का नैवेद्य लग रहा है। रात्रि में सोते समय भगवान को फिर से केसर का गर्म दूध अर्पित किया जाता है।



बैठकजी में अंगीठी ताप रहे ठाकुरजी


सांदीपनि आश्रम के समीप स्थित महाप्रभुजी की बैठक में ठाकुरजी को सर्दी से बचाने के लिए नित्य अंगीठी जलाई जा रही है। ट्रस्टी विजय गुप्ता ने बताया वैष्णव संप्रदाय में ठाकुरजी की बाल भाव की सेवा है। इसलिए मौसम अनुसार ठाकुरजी की दिनचर्या बदलती है। सर्दी में ठाकुरजी के सामने अंगीठी जलाई जा रही है। शृंगार में राजसी वस्त्र व स्वर्ण आभूषण धारण कराए जा रहे हैं। आरती के समय दीपक में बाती की संख्या भी बढ़ा दी गई है। भोग में मौसम के अनुकूल सामग्री परोसी जाती है।


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