मध्य प्रदेश में अब व्यापम घोटाले की पुरानी फाइलों को खंगाल कर नए मामले दर्ज किए जा रहे हैं. इस सिलसिले में सोमवार को चार और नए मामले दर्ज किए गए. 2013 की आरक्षक भारतीय परीक्षा में एक और पीएमटी की 2009 और 2010 परीक्षा में तीन मामलों में हुए फर्जीवाड़े की जांच कर एसटीएफ ने एफआईआर दर्ज कर ली है. इसमें परीक्षा देने वालों ने फर्जी मूल निवासी प्रमाणपत्र बनाकर परीक्षा दी और नौकरी भी पायी. मध्य प्रदेश पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स के एडीजी अशोक अवस्थी ने बताया कि अब तक 10 नई एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं. इसके साथ ही कुछ और शिकायतों पर जांच हो रही है. शिवराज सरकार के समय हुए व्यापम घोटाले की जांच सीबीआई भी कर रही है.
197 मामलों की जांच कर रही है एसटीएफ
एडीजी अशोक अवस्थी ने बताया कि 197 पुरानी शिकायतों की जांच में विभिन्न परीक्षाओं में चार और अभ्यर्थियों तथा उनके साथियों के विरुद्ध मामले दर्ज किए गए हैं. पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2013 में शामिल हुए मंदसौर निवासी बिजेंद्र रावत की ओएमआर शीट पर किए गए हस्ताक्षर और उसकी हैंडराइटिंग में अंतर पाया गया है. वहीं बिजेंद्र रावत अभी नीमच जिले में आरक्षक के तौर पर काम भी कर रहे हैं.
फर्जीवाड़े में दूसरे राज्यों के लोग भी लिप्त
एडीजी अवस्थी के अनुसार पीएमटी 2009 के दो और पीएमटी 2010 में कुछ अभ्यर्थी फर्जी मूल निवासी प्रमाण पत्र के माध्यम से शामिल हुए थे, ये लोग चयनित भी हो गए. इनमें पीएमटी 2009 में सौरभ सचान और बेनजीर शाह फारुखी और पीएमटी 2010 में विपिन कुमार सिंह के प्रवेश फर्जी प्रमाण पत्र से हुए थे.
व्यापाम को लेकर सियासत गरमाई
व्यापम घोटाला मध्य प्रदेश की सियासत में हमेशा से बड़ा मुद्दा रहा है. इसको लेकर भाजपा कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहता है, वहीं शिवराज सरकार के कार्यकाल में हुए इस घोटाले को लेकर प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि व्यापम ने हजारों लोगों की जिंदगी बर्बाद की है इसमें लिप्त किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा चाहे नेता हो या अफसर.
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