अभी तक ऐसा नियम केवल डिब्बाबंद मिठाइयों पर ही लागू होता है. उन डिब्बों पर बनने और ख़राब होने की तारीख लिखी होती है.
नई दिल्ली: होली से पहले सरकार ने बड़ा फ़ैसला लिया है. अब खुली मिठाई पर भी बनने की तारीख लिखना होगा. अभी तक केवल डिब्बाबन्द मिठाइयों पर ही मिठाई बनाने की तारीख़ और ख़राब होने की संभावित तारीख़ लिखे जाने का नियम है.
दरअसल मिठाइयों की गुणवत्ता को लेकर आए दिन सवाल उठते रहते हैं , खासकर त्योहारों के मौसम में यह सवाल जरूर उठता है. कई बार ऐसी शिकायतें मिलती रही हैं कि मिठाई की दुकानों पर जो मिठाइयां मिलती हैं वो बासी हो जाती हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं. ऐसे में अब सरकार ने अहम फ़ैसला लिया है.
खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता तय करने वाली केंद्रीय संस्था भारतीय खाद्य संरक्षा एवम मानक प्राधिकरण यानि FSSAI ने अब दुकानों पर खुले में बिकने वाली मिठाइयों के लिए एक आदेश जारी किया है. आदेश में कहा गया है कि मिठाई दुकानदारों को अब खुले में बिकने वाली मिठाइयों के बनने और ख़राब होने की तारीख़ लिखना अब अनिवार्य होगा. आदेश के मुताबिक़ जिस बर्तन या कन्टेनर में मिठाई रखी रहती है उसी कन्टेनर के ऊपर ये तारीख़ लिखना अनिवार्य होगा. बनने और ख़राब होने की तारीख इस तरह से लिखनी होगी कि वो ग्राहकों को साफ़ साफ़ दिखाई पड़े.
1 जून से आदेश होगा लागू
फ़ैसले के मुताबिक़ इस साल 1 जून से ये आदेश अमल में आ जाएगा. मिठाई बेचने वाले व्यापारियों को मिठाई के प्रकार और स्थानीय मौसम को ध्यान में रख कर ख़राब होने की संभावित तारीख़ लिखनी होगी. एफएसएसएआई ने दूध से बनी सभी मिठाइयों के खराब होने की सम्भावित समयसीमा तय की हुई है जिसका पालन करना व्यापारियों को करना होगा. सभी राज्यों के खाद्य संरक्षा आयुक्तों को इस नए नियम का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है.
फ़िलहाल डिब्बाबंद मिठाइयों पर लागू
अभी तक ऐसा नियम केवल डिब्बाबंद मिठाइयों पर ही लागू होता है. उन डिब्बों पर बनने और ख़राब होने की तारीख लिखी होती है. खाद्य संरक्षा और मानक कानून 2006 के सेक्शन 16 ( 5 ) के तहत एफएसएसएआई ने ये आदेश जारी किया है.
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