नई दिल्ली: जानलेवा कोरोना वायरस से जनता को बचाने के लिए सरकार ने लगभग पूरा देश लॉकडाऊन कर दिया है. लेकिन अभी भी कुछ लोग कोरोना वायरस को लेकर गंभीर नहीं हैं. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को सावधानी बरतने की अपील की. बावजूद इसके लोग नहीं समझ रहे हैं कि सामाजिक दूरी नहीं बनाकर हम खुद को ही नहीं बल्कि दूसरों को भी मुश्किल में डाल सकते हैं. पढें राजधानी दिल्ली की एक कोरोना पीड़ित महिला की सच्ची खबर, जो आपको सतर्क कर देगी.
इस महिला की कहानी आपको बताएगी कि सामाजिक दूरी नहीं बनाने का खामियाजा कितना खतरनाक होता है. इस खबर को पढ़कर आप जानेंगे कि कैसे कोरोना वायरस एक इंसान से दूसरे-तीसरे और फिर सैंकड़ों लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है. जानें कैसे एक कोरोना मरीज से तीन सौ लोग कोरोना सस्पेक्ट हो गए हैं.
ऐसे बनी कोरोना वायरस की खतरनाक चेन
- 19 फरवरी को महिला बेटे के साथ सऊदी अरब गई.
- 10 मार्च को महिला बेटे के साथ सऊदी अरब से दिल्ली लौटी और एयरपोर्ट पर महिला के भाई ने उन्हें रिसीव किया.
- 12 मार्च को महिला में बुखार-खांसी के लक्षण दिखे. जिसके बाद महिला ने स्थानीय डॉक्टर से संपर्क किया.
- 15 मार्च को महिला को जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके बाद GTB हॉस्पिटल ने महिला को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में रेफर किया.
- 17 मार्च को टेस्ट में महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई.
- 20 मार्च को महिला की मां और भाई भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए.
- 21 मार्च को महिला की दो बेटी भी,कोरोना पॉजिटिव हुई.
- 22 मार्च इलाज करने वाले पहला स्थानीय डॉक्टर भी पॉजिटिव पाया गया.
कोरोना का चेन रिएक्शन कितना खतरनाक!
कोरोना वायरस से पीड़ित एक महिला से लगभग 74 कोरोना संक्रमित संदिग्धों के मामले सामने आए.
इसके बाद महिला के भाई से 100 लोग कोरोना पॉजिटिव संदिग्ध पाए गए.
इसी तरह महिला का इलाज करने वाले डॉक्टर के संपर्क में आने पर 100 लोग संदिग्ध पाए गए.
यानी कोरोना वायरस से संक्रमित एक मरीज ने करीब 283 लोगों को खतरे में डाल दिया.
283 लोग कैसे संदिग्ध बने?
- सऊदी अरब से लौटी महिला +1
- परिवार के 4 लोग पॉजिटिव + 4
- एक डॉक्टर भी कोरोना पॉजिटिव +1
- डॉक्टर की पत्नी और बेटी +2
- महिला के बेटे पर भी खतरा +1
- महिला के संपर्क में आए लोग +74
- भाई के संपर्क में आए लोग +100
- डॉक्टर ने जितने मरीजों का इलाज किया + 100 यानी कुल 283 संदिग्ध मरीज पाए गए.
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