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अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर बताते हैं कि वे नहीं जानते कि ठीक होने के बाद दोबारा कोरोना होगा या नहीं


कोरोना वायरस को लेकर जहां देश में लगातार नए मामले सामने आ रहे हैं वहीं, अब तक 14 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं। हालांकि, वायरस का अभी तक कोई उपचार नहीं है। डॉक्टरों को भी नहीं पता है कि अस्पताल से छुट्टी के बाद मरीज को कोरोना वायरस से मुक्ति मिल गई है या नहीं? फिलहाल, 24 घंटे में दो बार जांच निगेटिव मिलने के बाद मरीज को घर भेज दिया जा रहा है।



देश में अब तक कुल 139 संक्रमित मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें 14 मरीजों को घर भेजा जा चुका है। इनमें से सर्वाधिक सात मरीज दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती थे। मरीजों का उपचार करने वाले सफदरजंग अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर बताते हैं कि वे नहीं जानते कि ठीक होने के बाद दोबारा कोरोना होगा या नहीं? इसलिए घर भेजते समय उन्हें 14 से 16 दिन तक आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जा रही है।


कोरोना की अब तक न कोई दवा है और न ही चिकित्सा। जयपुर के एसएमएस में भर्ती इटली नागरिकों को ओस्लेटामिविर, क्लोरीकीन, लोपिनाविर 200एमजी/रिटोनाविर 50 एमजी की डोज दिन में दो बार देकर ठीक किया है। एचआईवी, स्वाइन फ्लू और मलेरिया में इस्तेमाल इन तीनों दवाओं के मिश्रण को आईसीएमआर से मंजूरी मिली थी। हालांकि, इन दवाओं का इस्तेमाल सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों ने नहीं किया है। इनका कहना है कि बुखार में पैरासिटामॉल के अलावा जिन लोगों को सांस लेने में दिक्कत थी उन्हें अन्य श्वसन रोगियों की भांति ही दवाएं दी गईं।
छुट्टी के बाद भी संपर्क में मरीज
डॉक्टरों का कहना है कि भले ही इन मरीजों को छुट्टी दी जा चुकी है, लेकिन इनकी फिर से स्वास्थ्य खराब होगा या नहीं? इस बारे में कहा नहीं जा सकता। इसलिए छुट्टी के बाद भी इन लोगों को संपर्क में रहने के लिए कहा है। साथ ही जो दिनचर्या इनकी अस्पताल में थी वही घर पर ही रखने के लिए कहा है। भोजन से लेकर 20 मिनट तक प्राणायाम करने तक इसमें शामिल है।
डॉक्टरों के पास एकमात्र उदाहरण केरल का
कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का उपचार करने वाले श्वसन रोग विशेषज्ञ बताते हैं कि अभी तक केरल ही उनके पास एकमात्र ऐसा उदाहरण है जिसके अनुसार ये कहा जा सकता है कि कोरोना वायरस से ठीक होने के बाद दोबारा स्वास्थ्य बिगड़ने की आशंका कम है। केरल के तीन मरीजों में सबसे पहले कोरोना संक्रमण मिला था। ये तीनों ही लोग फिलहाल अपने घर पर आराम कर रहे हैं।
शरीर पर क्या पड़े प्रभाव
डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना वायरस की चपेट में आने और उपचार के बाद घर जाने तक की केस स्टडी उनके पास है, लेकिन उन्हें अभी तक ये नहीं पता है कि इस संक्रमण का इंसान के शरीर पर क्या असर पड़ा है? आमतौर पर चिकित्सा में ये भी कहा जाता है कि इस तरह के संक्रमण कुछ न कुछ दुष्प्रभाव छोड़ते हैं, जिनका असर किसी-किसी में कई महीने तक रहता है। हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई है कि कोरोना वायरस से निजात मिलने के बाद इन केस स्टडी पर अध्ययन जरूर किया जाएगा।


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