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जम्मू में कोरोना वायरस के चलते दिहाड़ी मजदूरों के संकट को दूर करने के लिए कई समाजिक संस्थाएं सामने आ रही हैं


जम्मू: कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने लॉकडाउन घोषित कर दिया है. इस लॉकडाउन के चलते जम्मू में दिहाड़ी मजदूरों के लिए खाने का संकट पैदा हो गया है. इसको लेकर अब कई सामाजिक संस्थाए ऐसे परिवारों की मदद के लिए आगे आ रही हैं.


जम्मू में प्रशासन के लॉकडाउन के चलते शहर की बस्तियों में रहने वाले दिहाड़ी मजदूरों और रेहड़ी-ठेला चलाने वालों के सामने खाने पीने का संकट खड़ा हो गया है. देश और शहर में हालातों के चलते काम ना मिलने के कारण ऐसे सैंकड़ों परिवार हैं जिनके लिए दो वक्त की रोटी का प्रबंध करना मुश्किल हो गया है. ऐसे में अब कई सामाजिक संस्थाएं ऐसे लोगों की मदद के लिए सामने आ रही हैं.


जम्मू में एक कोचिंग सेंटर चला रहीं रोमा ऐसी महिलाओ में से हैं जिन्होंने शहर की बस्तियों में रहने वाले दिहाड़ी मजदूरों और रेहड़ी-ठेला चलाने वालों को खाना पहुंचाने की कवायद शुरू की है. अपने कुछ स्टाफ और परिवार के सदस्यों के साथ रोमा ने इसकी शुरुआत रविवार से की.


रोमा के मुताबिक वो फोन के जरिये आम जनता से ऐसे लोगों के बारे में जानकारियां जुटा रही हैं जिनके पास खाने को कुछ नहीं है और फिर उन तक खाना पहुंचा देती हैं. रोमा के मुताबिक फिलहाल वो और उनके साथी ही पैसे योगदान कर खुद ही खाना बना कर ऐसे लोगों तक पहुंचा रहे हैं. उनके मुताबिक वो किसी को भी अपना पता नहीं देते क्योंकि वो बिल्कुल नहीं चाहते कि किसी तरह से प्रशासन के दिशा निर्देश की अनदेखी हो.


उनका कहना है,"अगर हम किसी को अपना पता दे दें तो यहां अनावश्यक भीड़ जमा हो जाएगी जो कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने का कारण बन सकता है." इसलिए हम ऐसे लोगों और बस्तियों का पता लगा कर खाना अपने वाहन में ले जा कर उनकी बस्तियों या इलाकों में ही दे आते हैं.''


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