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कोरोना वायरस से लड़ने के लिए ग्वालयिर स्थित डीआरडीई लैब ने खास सैनिटाइजर बनाया है


 कोरोना वायरस से लड़ने के लिए डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) ने भी कमर कस ली है. डीआरडीओ की ग्वालियर स्थित डीआरडीई लैब ने कोविड-19 से लड़ने के लिए खास सैनिटाइजर तैयार किया है जिसे आईबी, सीबीआई और सेना से लेकर पीएमओ और प्रधानमंत्री निवास तक सप्लाई किया गया है.


देश के सबसे बड़े रक्षा संस्थान डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन यानि डीआरडीओ ने भी कोरोना वायरस से लड़ने की तैयारी जोर शोर से शुरू कर दी है. इसके लिए डीआरडीओ की ग्वालियर स्थित डीआरडीई (डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट) ने डब्ल्यूएचओ के मापदंडों के अनुसार एक खास सैनिटाइजिंग फॉर्मुलेशन तैयार किया है.


इस फॉर्मुलेशन की 14 हजार से भी ज्यादा बोतल तैयार की गई हैं जिनमें 500 एमएल सैनिटाइजर भरा गया है. इन बोतलों को राजधानी दिल्ली स्थित डीआरडीओ मुख्यालय में भेजा गया है.


जानकारी के मुताबिक इस खास फॉर्मुलेशन के सैनिटाइजर और फर्श साफ करने के लिए डिसइंफेक्टेंट को दूसरी सरकारी एजेंसियों को भी सप्लाई किया गया है. अबतक इस फॉर्मुलेशन को आईबी, सीबाआई, एनटीआरओ, एसपीजी, एनएससीएस (नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल सेक्रेटेरिएट), नीति आयोग, थलसेना, वायुसेना, नौसेना, रक्षा मंत्रालय, पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) और प्रधानमंत्री के 7 एलकेएम रोड स्थित आवास को उपलब्ध कराया गया है.


साथ ही अब इन प्रोडेक्ट्स को बड़ी मात्रा में लोगों को उपलब्ध कराने के लिए डीआरडीओ की दूसरी लैब्स को बनाने की मंजूरी दे दी गई है.


बता दें कि ग्वालियर स्थित डीआरडीई लैब भारत की चुनिंदा बायोसेफ्टी लैब में से एक है जो कैमिकल और बायोलॉजिकल हथियारों के खिलाफ लड़ने के लिए तकनीक तैयार करती है. अब तक डीआरडीई देश की सेनाओं के लिए कई एनबीसी (न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल एंड कैमिकल) किट और गियर-सूट बना चुकी है. इससे पहले भी डीआरडीई ने स्वाइन-फ्लू और जापानी-बुखार (एन्सेफेलाइटिस) की डिटेक्शन किट बना चुकी है.


मध्य प्रदेश सरकार ने डीआरडीई को ही कविड-19 टेस्ट (डिटेक्शन) के लिए प्रदेश की नोडल लैब घोषित की है. इस बीच डीआरडीओ ने अपने उन वैज्ञानिक और परिवारों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी है जो हाल में विदेश की यात्रा पर गए थे. साथ ही डीआरडीओ मुख्यालय और देश में फैली उसकी सभी लैब्स को भी लगातार सैनिटाइज किया जा रहा है.


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