इमरान खान की कैबिनेट ने हाल ही में एक ऐसे विधेयक को मंजूरी दी है जिसमें सोशल मीडिया कंपनियों के लिए पाकिस्तान में कार्यालय खोलना और पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा.
पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने हाल ही में फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, टिकटॉक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को रेगुलेट करने के लिए एक बिल लाया है. अब इसी को लेकर एशिया इंटरनेट कोलिशन (AIC) ने कड़ी आपत्ति जताई है और साथ ही रेग्युलेशन में बदलाव की अपील की है.
AIC ने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को चिट्ठी लिखकर कहा, ''नये नियमों के तहत एआइसी सदस्यों के लिए पाकिस्तानी यूजर्स और कारोबारों को सेवा मुहैया करना बहुत मुश्किल हो जाएगा.'' एआइसी की तरफ से कहा गया है कि वर्तमान रेग्युलेशन में इनके लिए सर्विस को जारी रख पाना मुश्किल है. फेसबुक, गूगल, ट्विटर, याहू, ऐपल, अमेजन और लिंक्ड-इन जैसी कंपनियां एआइसी की मेंबर हैं.
बता दें कि पिछले दिनों अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने भी इस बात की आशंका जताई है कि पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर नियंत्रण, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और डिजिटल अर्थव्यवस्था के विकास के लिए नुकसानदेह हो सकता है.
मंत्रालय ने उस कानून के संदर्भ में यह बात कही है जिसके मसौदे को इमरान सरकार की कैबिनेट ने कुछ हफ्ते पहले मंजूरी दी है और जिसमें सोशल मीडिया कंपनियों के लिए पाकिस्तान में कार्यालय खोलना और पंजीकरण कराना अनिवार्य करने का प्रस्ताव दिया गया है.
इमरान खान ने क्या फैसला लिया है?
इमरान खान कैबिनेट ने उस विधेयक को मंजूरी दी है जिसमें फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, टिकटॉक और अन्य सोशल मीडिया दिग्गजों के लिए पाकिस्तान में डेटा सर्वर को बनाना अनिवार्य किया गया है, जो इनके पंजीकरण को अनिवार्य बनाता है और एक ऐसे प्रतिनिधि की नियुक्ति की बात करता है जो पाकिस्तान सरकार द्वारा गठित प्राधिकरण के संपर्क में रहे.
यह विधेयक सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनियों के लिए अनिवार्य करता है कि वे एक साल के अंदर पाकिस्तान में अपना सर्वर स्थापित करें और 'राज्य संस्थाओं पर हमले करने वालों, घृणा संदेश व ईशनिंदा संदेश देने वालों या राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए घातक संदेश देने वालों की जानकारी खुफिया एजेंसियों को दें.
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