इनमें अमेरिका, स्पेन, जर्मनी, ब्राजील अफगानिस्तान औऱ मालदीव आदि शामिल हैं.
मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने शुक्रवार को भारत को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के लिए अपने देश के अनुरोध को मंजूरी देने के लिए धन्यवाद कहा. हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का प्रयोग आमतौर पर मलेरिया के लिए किया जाता है. लेकिन इस दवा को कोरोना वायरस से निपटने में उपयोगी माना जा रहा है. आपको बता दें कि भारत ने औपचारिक तौर पर पहले चरण मे अमेरिका समेत कुल 13 देशों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और पैरासीटामोल मुहैया कराने के फैसले को हरी झंडी दे दी है. गौरतलब है कि इस सूची मे सार्क के देशों को भी शामिल किया गया है. मगर पाकिस्तान इसमें शामिल नहीं है.अब्दुल्ला शाहिद ने ट्वीट किया कि भारत सरकार को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वाइन के लिए मालदीव के अनुरोध को मंजूरी देने के लिए धन्यवाद. इसे COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में गेम चेंजर कहा जा रहा है. जरूरत में काम आने वाला एक दोस्त वास्तव में एक दोस्त है. उन्होंने अपने ट्वीट में पीएम मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और विदेश मंत्रालय को भी टैग किया है.भारत ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन के लिए 13 देशों की पहली सूची को मंजूरी दे दी है जिसमें अमेरिका, स्पेन, जर्मनी, बहरीन, ब्राजील, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, अफगानिस्तान, मालदीव और बांग्लादेश शामिल हैं. आपको बता दें कि अमेरिका ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की 48 लाख गोलियां मांगी हैं और भारत ने 35.82 लाख गोलियां मंजूर की हैं. सूत्रों ने कहा कि बांग्लादेश को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की 20 लाख गोलियां, नेपाल को 10 लाख, भूटान को 2 लाख, श्रीलंका को 10 लाख, अफगानिस्तान को 5 लाख और मालदीव को 2 लाख गोलियां मिलेंगी.गौरतलब है कि मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात की अनुमति देने के लिए प्रधान मंत्री मोदी को धन्यवाद दिया। एक ट्वीट में उन्होंने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के फैसले पर भारत और भारतीय लोगों को धन्यवाद देते हुए कहा कि इसे भुलाया नहीं जाएगा. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी दवा भेजने के लिए भारत को धन्यवाद कहा था.
0 टिप्पणियाँ