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देश की एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी आर्थिक परिस्थिति की वजह से मुसीबत का सामना कर रही


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात के दौरान देश भर की पुलिस की भी सराहना की और कहा कि पुलिस इन दिनों सामाजिक कार्य कर रही है, जिसकी वजह से उसकी छवि में बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिला है. इसी का एक उदाहरण आज एक बार फिर से दिल्ली पुलिस ने दिया है. देश की एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी आर्थिक परिस्थिति की वजह से मुसीबत का सामना कर रही थी तो उसने मदद के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया. कहीं से वह संदेश जब दिल्ली पुलिस के पास पहुंचा तो पुलिस ने तुरंत उस महिला खिलाड़ी तक जरूरी मदद पहुंचा दी. लेकिन इस खिलाड़ी को अफसोस है कि जिस दिल्ली सरकार से मदद की गुहार लगाई थी उसने अभी तक कोई सुध नहीं ली है.


कौन है यह खिलाड़ी


इस महिला खिलाड़ी का नाम नसरीन है, जो 2019 में साउथ एशियन गेम्स के दौरान भारत की खो-खो महिला टीम की कप्तान रह चुकी हैं और भारत को गोल्ड मेडल दिला चुकी हैं. नसरीन के परिवार में कुल 13 सदस्य हैं. वह माता-पिता के साथ शकूरपुर में एक किराए की मकान में रहते हैं. परिवार के मुखिया उनके पिता मोहम्मद गफूर हैं और वह साप्ताहिक बाजार में स्टील के बर्तन बेचने का काम करते हैं. लॉक डाउन के दौरान सभी बाजार बंद है, जिसकी वजह से उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. रमजान भी शुरू हो चुके हैं. ऐसे में नसरीन के परिवार के सामने दो वक्त की रोटी का इंतजाम करना भी एक बहुत बड़ी चुनौती बन गया था. नसरीन को मदद नहीं मिली और उन्हें कोई और रास्ता नहीं सूझा. नसरीन ने सोशल मीडिया पर मदद की गुहार लगाई, जिसके बाद कुछ एनजीओ और दिल्ली पुलिस मददगार के तौर पर नसरीन के घर पहुंच गई.


क्या है कहना नसरीन का


नसरीन ने कहा,'' मैं भारत की खो-खो टीम की कप्तान हूं. हमारी आर्थिक हालत मजबूत नहीं है. मेरे पिता के सर पर ही सारा दारोमदार है. लॉकडाउन की वजह से हमें काफी परेशानी हो रही थी.जब कोई रास्ता नहीं बचा तो मैंने सोशल मीडिया पर मदद की गुहार लगाई. हमारे सामने भोजन की भी समस्या खड़ी हो गई है, हमारे पास मदद पहुंचाई जाए. इसके बाद कुछ एनजीओ आगे आए और आज नेताजी सुभाष पैलेस थाने से इंस्पेक्टर अमित तिवारी हमारे पास पहुंचे. उन्होंने हमारी समस्या जानी और राशन आदि उपलब्ध करवा दिया है. मैं दिल्ली पुलिस की शुक्रगुजार हूं.


दिल्ली सरकार से है शिकायत


नसरीन ने आगे कहा,'' मैंने सोशल मीडिया पर दिल्ली सरकार से मदद की गुहार लगाई थी क्योंकि दिल्ली सरकार आम आदमी की सरकार है. मुझे काफी उम्मीद थी लेकिन अफसोस है कि अभी तक भी दिल्ली सरकार की तरफ से मुझे किसी तरह की कोई भी मदद उपलब्ध नहीं कराई गई है. जबकि कई एनजीओ दिल्ली पुलिस की तरफ से हमें कुछ मदद पहुंचा दी गई है. दिल्ली सरकार को लेकर इसलिए अफसोस है क्योंकि दिल्ली सरकार की छवि आम आदमी से जुड़ी हुई है लेकिन पता नहीं क्यों अभी तक भी दिल्ली सरकार मेरी समस्या नहीं सुन पाई है.


मोहम्मद गफूर नसरीन के पिता


नसरीन के पिता मोहम्मद गफूर ने कहा,'' मैं साप्ताहिक बाजार में बर्तन की दुकान लगाता हूं. मेरी बेटी काफी मेहनती है और अच्छी खिलाड़ी भी है, जो देश को गोल्ड मेडल जिता चुकी है. लेकिन मेरी आर्थिक हालत ऐसी है जिसकी वजह से मैं अपनी बेटी को आगे बढ़ाने में कहीं न कहीं मुसीबत का सामना करता हूं. मैं 1 दिन में दो - दो जगहों पर बाजार में जाकर दुकान लगाता हूं. लॉकडाउन के बाद से काम धंधा सब बंद पड़ा है. यह जो समस्या हमारे सामने खड़ी हुई, हम इसके बारे में समाज के सामने कोई चर्चा नहीं करना चाहते थे. लेकिन हालात ऐसे बन गए थे, जो मेरी बेटी को यह समस्या सोशल मीडिया पर साझा करनी पड़ी. जिन भी लोगों ने हमारी मदद की है, दिल्ली पुलिस ने हमारी मदद की है उन सभी का हम शुक्रगुजार हैं. हम यहां किराए के मकान में रह रहे हैं और अभी किराया देना भी नहीं हो पा रहा है.


नसरीन का प्रोफ़ाइल


नसरीन दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा है और अभी दौलत राम कॉलेज में फाइनल ईयर की छात्रा है. भारत खो खो टीम की कैप्टन है. 2018 में लंदन भी टूर्नामेंट खेल चुकी है और देश को गोल्ड दिलाया था. इसके अलावा 2019 में साउथ एशियन गेम्स में भारतीय टीम की कप्तानी भी की है और तब भी गोल्ड जिताया था.


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