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दुनिया में जैसे-जैसे कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं आपके मन में भी ये गलतफहमियां तो नहीं?

कोरोना वायरस को लेकर लोगों के मन में तमाम तरह की गलतफहमियां हैं. किसी को कोरोना के लक्षण भी सामान्य फ्लू के लक्षण दिखने लग रहे हैं, तो किसी को सामान्य फ्लू के लक्षण कोरोना के. कोई कह रहा है कि जिसको निमोनिया हो गया, उसको कोरोना नहीं होगा, तो कोई कह रहा है कि जिसे एक बार कोरोना हो गया, उसे दोबारा नहीं होगा.



पूरी दुनिया में जैसे-जैसे कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं, लोगों में दहशत भी बढ़ती जा रही है. हर छोटी-बड़ी बीमारी को लोग कोरोना की नज़र से देखने लग रहे हैं. वॉट्सऐप, फेसबुक और सोशल मीडिया पर किए जा रहे भ्रामक दावों को सच मानकर उन्हें अपनाने की कोशिश कर रहे हैं. कई बार ऐसी गलतफहमी का शिकार हो जा रहे हैं कि कोरोना तो उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा, लेकिन उनके किए जतन से ही उनकी जान पर बन आएगी. ऐसे में हम कुछ सवाल और उनके जवाब के जरिए आपको कोरोना से जुड़े सच और झूठ के बारे में बताने की कोशिश कर रहे हैं.
सवाल- सूंघने और स्वाद की क्षमता का खत्म होना क्या कोरोना का लक्षण है?
जवाब- हां, जर्मनी के डॉक्टरों का ऐसा दावा है कि कोरोना से पीड़ित मरीज की सूंघने और स्वाद की क्षमता खत्म हो जाती है. ये इस बीमारी का बिल्कुल ही नया लक्षण है. इसलिए अगर आपको या आपके आस-पास किसी को ये लक्षण दिखें तो तुरंत ही हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें और डॉक्टर को इस बारे में बताएं.
सवाल- क्या कोरोना के संदिग्ध मरीज की देखभाल के लिए कोई नर्स घर पर आ सकती है?
जवाब- इसका जवाब थोड़ा मुश्किल है. सरकारी अस्पताल के डॉक्टर और नर्स आपके घर बिल्कुल नहीं जाएंगे. हां अगर आपने खुद को अपने घर में ही क्वॉरंटीन कर लिया है और आपको देखरेख के लिए किसी की ज़रूरत है, तो प्राइवेट अस्पताल किसी नर्स का इंतजाम कर सकते हैं. लेकिन इस स्थिति में प्राइवेट अस्पताल भी किसी नर्स को घर पर रहकर देखभाल करने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं.
सवाल- अगर किसी आदमी में कोविड-19 के लक्षण दिखें, तो उस घर में रह रही गर्भवती को कैसे क्वॉरंटीन किया जाए?
जवाब- अगर घर में रह रहे किसी शख्स में कोविड-19 के लक्षण दिखें तो सबसे पहले उस शख्स को क्वॉरंटीन किया जाना चाहिए. उसे घर के किसी अलग कमरे में रखा जाना चाहिए. किसी को भी उसके पास नहीं जाना चाहिए. खाना-पानी भी पूरे एहतियात के साथ उस शख्स तक पहुंचाया जाना चाहिए. रही बात गर्भवती की, तो गर्भावस्था में तो यूं ही किसी महिला को खास देखभाल की ज़रूरत होती है. ऐसे में उस महिला को कोविड 19 संदिग्ध शख्स के आस-पास फटकने से भी बचाना चाहिए.
सवाल- क्या कोरोना वायरस पालतू कुत्तों और बिल्लियों के बालों पर जिंदा रह सकता है?
जवाब- डॉक्टरों को इस बात का कोई साक्ष्य नहीं मिला है कि कोरोना का वायरस पालतू कुत्तों और बिल्लियों के बालों पर ज़िंदा रह सकता है. लेकिन डॉक्टरों ने ये साफ कर दिया है कि कोरोना वायरस इंसान से इंसान में फैलता है. इसलिए पालतू जानवरों से कोई खतरा नहीं है. हालांकि इसी डर की वजह से चीन में हजारों लोगों ने अपने पालतू कुत्तों और बिल्लियों को घर से बाहर निकाल दिया है.
सवाल- कोरोना से बीमार हुआ आदमी कितने दिनों में ठीक हो जाता है?
जवाब- जिस किसी को भी कोरोना पॉजिटिव हो जा रहा है, उसे हर हाल में अस्पताल में ही भर्ती रहना पड़ रहा है. भर्ती की ये अवधि मरीज के कोरोना निगेटिव होने पर निर्भर करती है. अगर किसी में कोरोना के लक्षण देर से पता चलें हो और तीसरा-चौथा टेस्ट भी पॉजिटिव आ गया हो तो उसे ठीक होने में एक महीने भी लग सकते हैं. डॉक्टरों के मुताबिक आम तौर पर मरीज की देखभाल के लिए 21 दिनों का वक्त पर्याप्त होता है.
सवाल- क्या कोरोना वायरस से ठीक होने का मतलब है कि अब वो दोबारा नहीं होगा?
जवाब- ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. अगर आप कोरोना से ठीक होकर घर लौट आए हैं, तो आपको एहतियात बरतना ही होगा. अगर आप दोबारा किसी कोविड 19 से पीड़ित किसी शख्स के संपर्क में आते हैं, तो आपको फिर से कोरोना होने का खतरा बढ़ सकता है. इसलिए कोरोना से ठीक होने के बाद भी सोशल डिस्टेंसिंग जारी रखें और साफ-सफाई का पूरा खयाल करें.
सवाल- फ्लू से कैसे अलग होता है कोरोना का संक्रमण?
जवाब- फ्लू में जुकाम होता है. जुकाम की वजह से गले में खराश हो जाती है और नाक बहने लगती है. दो-तीन दिन के बाद खांसी शुरू हो जाती है और फिर शरीर में दर्द होने लगता है. कमजोरी भी महसूस होती है. लेकिन कोरोना में इन लक्षणों के अलावा जो सबसे बड़ा लक्षण होता है वो है सांस फूलना और सूखी खांसी. अगर जुकाम, सूखी खांसी, मांसपेशियों में दर्द के साथ ही सांस लेने में तकलीफ हो रही हो, तो तुरंत ही हेल्पलाइन नंबर पर फोन करें और डॉक्टर को अपने लक्षणों की पूरी जानकारी दें.
सवाल- ये क्वॉरंटीन का क्या मतलब है, जिसकी चर्चा हर जगह हो रही है?
जवाब- क्वॉरंटीन का मतलब है कि आपको और दूसरे लोगों से अलग-थलग कर दिया जाए. क्वॉरंटीन उन लोगों को किया जा रहा है, जिनमें या तो कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं या इस बात की आशंका है कि वो लोग कोरोना से पीड़ित किसी मरीज के संपर्क में आए हैं. ऐसे लोगों को अस्पतालों में भी बिल्कुल अलग वॉर्ड में रखा जा रहा है, जहां जाने वाले डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ भी पूरे एहतियात के साथ जा रहे हैं. हाथ में ग्लव्स और मुंह पर मास्क लगाए बिना किसी को भी उस जगह पर जाने की इजाजत नहीं होती है. हालांकि क्वॉरंटीन में रहने का ये बिल्कुल भी मतलब नहीं है कि वो आदमी कोविड 19 से पीड़ित ही हो.
सवाल- अगर किसी के साथ रहने वाला शख्स खुद को अकेले में बंद कर ले, तो साथी को क्या करना चाहिए?
जवाब- अगर किसी के साथी ने खुद को आइसोलेट कर लिया है यानि कि खुद को अकेले में बंद कर लिया है, तो इसका ये मतलब है कि या तो उसे खुद में कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं या फिर उसे आशंका है कि वो कोरोना से पीड़ित किसी शख्स के संपर्क में आया है. इसिलए उसके साथी को भी चाहिए कि वो खुद को आइसोलेट कर ले. कम से कम 15 दिनों का इंतजार करे और जब उसमें किसी तरह के लक्षण न दिखें तो फिर वो खुद सेल्फ आइसोलेशन से बाहर आ जाए. ऐसा करने में कोई हर्ज नहीं है. यही बचाव का सबसे बेहतर तरीका है.
सवाल- क्या पब्लिक स्विमिंग पूल में इस वक्त तैरना खतरनाक हो सकता है?
जवाब- ये बिल्कुल खतरनाक हो सकता है. जब लॉकडाउन चल रहा है, तो आपको बिना किसी इमरजेंसी के घर से बाहर निकलना ही नहीं चाहिए. इसलिए अगर आप तैराकी के शौकीन हैं, तो अपने शौक को कुछ दिनों के लिए मार दीजिए. क्योंकि अगर आप ही की तरह के शौकीन किसी आदमी या औरत ने उस पब्लिक स्वीमिंग पूल का इस्तेमाल किया हो और उसमें कोरोना के लक्षण दिख रहे हों तो बहुत हद तक संभव है कि आपको भी संक्रमण हो जाए. इसलिए जितना हो सकता है बाहर निकलने से बचिए.
सवाल- क्या दिव्यांगों को कोरोना वायरस से मरने का खतरा ज्यादा है?
जवाब- इस बात का कोई प्रमाण नहीं मिला है कि दिव्यांगों को कोरोना से ज्यादा खतरा है. हां, सांस के मरीजों और डायबिटीज के मरीजों को कोरोना से ज्यादा खतरा है.
सवाल- क्या कोरोना वायरस से बच्चों को ज्यादा खतरा है?
जवाब- हां, 10 साल से कम उम्र के बच्चों और 55 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को कोरोनो की वजह से ज्यादा खतरा है, क्योंकि उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती जाती है.
सवाल- क्या दमे के मरीज के लिए कोरोना वायरस खतरनाक हो सकता है?
जवाब- कोरोना वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है. दमा की बीमारी भी सांस से जुड़ी हुई है. ऐसे में सांस के किसी भी मरीज को कोरोना की वजह से दिक्कत ज्यादा हो सकती है.
सवाल- क्या उनको भी कोरोना हो सकता है, जो पहले ही निमोनिया से बीमार हो चुके हैं?
जवाब- कोरोना का संक्रमण सबसे ज्यादा उनको होता है, जिनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. अगर किसी को निमोनिया हुआ है और वो उस बीमारी से उबर गया है, तो भी इस बात का कोई तथ्य नहीं है कि उसे कोरोना नहीं हो सकता है. अगर उसने एतहियात नहीं बरते, ठीक से साफ-सफाई का खयाल नहीं रखा, तो उसे भी कोरोना हो सकता है.
सवाल- अगर कोई गर्भवती कोरोना से संक्रमित हो जाए, तो क्या उसे ज्यादा खतरा हो सकता है?
जवाब- हां, कोरोना से संक्रमित गर्भवती को ज्यादा खतरा हो सकता है. गर्भवती में आम तौर पर रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. इसलिए अगर उसे कोरोना का संक्रमण हो जाए, तो ये मां और बच्चे दोनों के लिए ज्यादा खतरनाक हो सकता है.
सवाल- क्या कोरोना का वायरस फ्लू से ज्यादा खतरनाक हो सकता है?
जवाब- हां, कोरोना का वायरस फ्लू से ज्यादा खतरनाक है. फ्लू से मौत की गुंजाइश कम होती है, लेकिन कोरोना वायरस जानवेला है. और इस बात को अब दुनिया देख चुकी है कि कोरोना की वजह से अब तक करीब 50,000 लोगों की मौत हो चुकी है.
सवाल- क्या ज्यादा टेंपरेचर में कोरोना का वायरस मर जाता है?
जवाब- नहीं. इस बात का फिलहाल कोई साक्ष्य नहीं मिला है कि ज्यादा टेंपरेचर में कोरोना का वायरस मर जाता है. हां, डॉक्टर इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि ज्यादा टेंपरेचर में वायरस के फैलने का खतरा कम हो जाता है.
सवाल- क्या अगर कोरोना से संक्रमित कोई शख्स खाना बनाए, तो उस खाने को खाकर और भी लोग संक्रमित हो सकते हैं?
जवाब- इस बात की पूरी पूरी आशंका है कि अगर कोरोना से पीड़ित कोई शख्स खाना बनाए, तो उस खाने से और भी लोगों को संक्रमण हो सकता है. लिहाजा अगर किसी को कोरोना है, तो उसे क्वॉरंटीन करें, उसे आइसोलेशन में रखें, किसी को उसके पास न जाने दें.
सवाल- क्या अगर किसी को एक बार कोरोना हो जाता है, तो उसमें कोरोना के खिलाफ इम्यूनिटी बढ़ जाती है?
जवाब- नहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन से लेकर दुनिया भर के और भी डॉक्टरों को इस बात का कोई साक्ष्य नहीं मिला है कि अगर किसी को एक बार कोरोना हो गया है, तो उसमें कोरोना के खिलाफ इम्युनिटी बढ़ जाती है.
सवाल- क्या मास्क कोरोना वायरस के खिलाफ काम करता है?
जवाब- मास्क कोरोना ही नहीं, किसी भी इन्फेक्शन से बचाने का काम करता है. अगर किसी को कोरोना का इन्फेक्शन हो गया हो, तो मास्क कोई काम नहीं करेगा. लेकिन अगर किसी को कोरोना से पीड़ित शख्स के पास जाना है, तो मास्क उसे इन्फेक्शन से बचा सकता है. हां इस बात का खास खयाल रखना होगा कि मास्क हमेशा साफ रहे. अगर किसी को पूरे दिन मास्क लगाना है, तो दिन में कम से कम दो बार मास्क को बदल लेना चाहिए. इसके अलावा अगर मास्क उपलब्ध न हो तो साफ सूती कपड़ा भी मास्क का काम करता है.
एक फेस मास्क वायरस के खिलाफ उपयोगी है और इसे कब तक बदलना चाहिए?
सवाल- क्या कोरोना से पीड़िस के साथ सेक्स करने से कोरोना का इन्फेक्शन हो सकता है?
जवाब- डॉक्टर बार-बार इस बात की ताकीद कर रहे हैं कि अगर किसी में कोरोना के लक्षण दिख रहें हों, तो उसे क्वॉरंटीन करना चाहिए या फिर उसे सेल्फ आइसोलेशन में चले जाना चाहिए. ऐसे में कोरोना से संक्रमित कोई आदमी दूसरे आदमी के संपर्क में आता है, तो उसे भी कोरोना के संक्रमण का खतरा होता है. अगर नज़दीकी सेक्स की तो ये खतरा और भी ज्यादा हो सकता है.
सवाल- क्या कोरोना वायरस से बीमार हुआ आदमी पूरी तरह से ठीक हो सकता है?
जवाब- हां, कोरोना से बीमार हुआ आदमी पूरी तरह से ठीक हो जाता है. देश और दुनिया में कई उदाहरण ऐसे हैं, जहां कोरोना से बीमार हुआ आदमी अब बिल्कुल नॉर्मल लाइफ जी रहा है और उसे किसी तरह का कोई खतरा नहीं है.
सवाल- क्या अगर चीन के वुहान शहर से कोई सामान खरीदा गया है और डाक के जरिए उसे किसी दूसरे देश में भेजा गया है, तो उससे भी कोरोना हो सकता है?
जवाब- नहीं. वुहान से खरीदे गए किसी सामान को दूसरे देश तक पहुंचने में कम से कम 48 घंटे का वक्त लगता है. और कोरोना का वायरस इतने लंबे वक्त तक ज़िंदा नहीं रहता है. और जहां तक बात है दूसरे देश तक और खास तौर से अपने देश तक सामान के आने की, तो फिलहाल देश की सीमाएं सील हैं, लिहाजा वुहान का कोई सामान अपने देश तक आ ही नहीं सकता है.
सवाल- क्या कोरोना से बचाव का कोई टीका फिलहाल बन पाया है?
जवाब- नहीं, अभी तक कोरोना से बचाव का कोई भी टीका नहीं बन पाया है. फिलहाल तो इस बीमारी से बचाव का इकलौता तरीका ये है कि सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रखी जाए. खुद की साफ-सफाई और अपने आस-पास की साफ सफाई का खयाल रखा जाए और किसी भी तरह की दिक्कत महसूस होने पर खुद को सेल्फ आइसोलेट कर लिया जाए.
क्या सांस की इस बीमारी से बचाव के लिए टीकाकरण संभव है?


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