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मोदी सरकार ने डॉक्टरों पर लगातार हो रहे हमलों को रोकने के लिए एक कड़ा कानून 7 साल तक की जेल जुर्माना भी वसूला जाएगा


कोरोना महामारी के संकट से निपटने में सबसे आगे लड़ाई लड़ रहे डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों पर पिछले दिनों हमले की कई घटनाएं सामने आई हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इन हमलों के ख़िलाफ़ विरोध भी जताया था. ऐसे में मोदी सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले को गम्भीर अपराध बना दिया है.


कैबिनेट ने अध्यादेश को दी मंज़ूरी


मोदी सरकार ने डॉक्टरों पर लगातार हो रहे हमलों को रोकने के लिए एक कड़ा कानून बनाने का फैसला किया है. कानून को तुरन्त अमल में लाने के लिए आज केंद्रीय कैबिनेट ने एक अध्यादेश को मंजूरी दी. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंज़ूरी मिलने के साथ ही कानून अमल में आ जाएगा.अध्यादेश के जरिए महामारी कानून 1897 में बदलाव कर कड़े प्रावधान जोड़े गए हैं. प्रस्तावित कानून का सबसे अहम पहलू ये है कि इसमें डॉक्टरों को कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई के चलते मकान मालिकों द्वारा घर छोड़ने जैसी घटनाओं को भी उत्पीड़न मानते हुए एक तरह की सज़ा का प्रावधान किया गया है. कैबिनेट की बैठक के बाद फ़ैसले का एलान करते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मेडिकल टीमों के ख़िलाफ़ हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी.


अधिकतम 7 साल तक की क़ैद का प्रावधान


प्रस्तावित कानून में डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक स्टॉफ समेत अन्य सभी स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला या उत्पीड़न को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में गैर जमानती बना दिया गया है. ऐसे मामलों में मुक़दमा एक महीने में शुरू करने और एक साल के भीतर केस का फ़ैसला हो जाने का प्रावधान किया गया है.दोषी पाए जाने वालों के लिए सख़्त सज़ा का प्रावधान किया गया है. इसका आधार हमले और उत्पीड़न की गम्भीरता को बनाते हुए सज़ा को दो श्रेणी में बांटा गया है. अगर अपराध ज़्यादा गम्भीर नहीं है तो सजा के तौर पर 3 महीने से 5 साल तक की क़ैद हो सकती है. साथ ही 50 हज़ार से 2 लाख रुपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है. वहीं अगर गम्भीर हानि हुई तो 6 महीने से लेकर 7 साल तक कैद की सजा के साथ साथ एक लाख रुपये से 3 लाख रुपये तक के ज़ुर्माने का भी प्रावधान किया गया है.प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में सरकार की तैयारी लगातार जारी है. इस क्रम में अबतक देश में कुल 723 कोरोना समर्पित अस्पताल बनाए जा चुके हैं. इनमें कुल 1.86 लाख बेडों की व्यवस्था हो गई है जिनमें 24 हज़ार बेड आईसीयू बेड हैं. आईसीयू बेडों में 12190 बेड वेंटिलेटर के साथ हैं.


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