डिजिटल पेमेंट की मजबूत सुविधा से 30 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 28,256 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता अब तक उपलब्ध करायी जा सकी है. रविवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह कहा गया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 26 मार्च को ‘लॉकडाउन’ के असर से गरीबों और जरूरतमंदों को बचाने के लिये 1.70 लाख करोड़ रुपये के पैकेज के तहत इसकी घोषणा की थी.कुछ साल पहले लाभार्थियों के जनधन, आधार और मोबाइल (जेएएम) के जरिये डिजिटल ढांचा तैयार किया गया था. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत लाभार्थियों को नकद अंतरण करने में यह कारगर जरिया साबित हुआ है. वित्त मंत्रालय के बयान के मुताबिक यह प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी), सामाजिक सुरक्षा/पेंशन योजनाओं आदि के लिये जरूरी डिजिटल ढांचा उपलब्ध करा रहा है.कुल 1.70 लाख करोड़ रुपये के पैकेज के तहत 30 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को पहले सप्ताह के दौरान पहली किस्त के माध्यम से डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिये सहायता पहुंचायी गई. दो और किस्त मई और जून में दी जाएगी.
पीएम-किसान योजना के तहत भुगतान
कुल वितरण में से 13,855 करोड़ रुपये पीएम-किसान योजना के तहत पहली किस्त के भुगतान के रूप में किये गए. योजना के तहत 8 करोड़ लाभार्थियों में से करीब 6.93 करोड़ को पहली किस्त के रूप में 2000 रुपये मिले हैं. इस योजना के तहत लाभार्थी किसानों को तीन किस्तों में कुल 6,000 रुपये दिये जाते हैं.
एनएसपी के तहत किया गया भुगतान
इसके अलावा राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) के तहत 2.82 करोड़ बुजुर्गों, विधवा और दिव्यांगों को कुल 1400 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया. इसके तहत प्रत्येक लाभार्थियों को 1000-1000 रुपये दिये गए हैं.
महिलाओं के जन-धन खाते में किए गए पेमेंट
करीब 19.86 करोड़ महिला जनधन खाताधारकों को उनके खाते में 500-500 रुपये डाले गए हैं. इसके तहत 9930 करोड़ रुपये वितरित किये गए हैं. बयान के मुताबिक अगस्त 2014 में शुरू प्रधानमंत्री जनधन योजना का मकसद बैंक सेवाओं से वंचित लोगों तक इसका लाभ पहुंचाना था. 38 करोड़ लोगों ने इस योजना के तहत खाता खोला.
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