ईमानदारी की मिसाल-रोड पर लावारिस मिला बैग पुलिस को सौंपा
कोरोना संक्रमण और काम धंधा बंद होने के इस कठिन दौर में भी ईमान अभी ज़िंदा है. भिंड के लहार से एक ऐसी पॉजिटिव खबर मिली. यहां बस स्टैंड पर एक शख्स को नोट और रुपयों से भरा बैग लावारिस पड़ा मिला. लेकिन ईमानदारी देखिए कि उस शख्स ने उसे रखने के बजाए मालिक को ढूंढकर उसे बैग लौटा दिया.इस काम में डायल 100 (Dial 100) के दो ईमानदार पुलिस जवानों ने उसकी मदद की.
अहमदाबाद गुजरात से एक यात्रियों से भरी एक बस भिंड ज़िले के लहार आयी. वो यात्रियों को छोड़कर वापस चली गयी. यात्रियों के उतरने चढ़ने के दौरान बस में से हरे रंग का एक बैग गिर गया. बैग वहीं पड़ा रहा. किसी ने न तो उसे उठाया और न ही कोई शख़्स उसे ढूंढ़ता हुआ आया. उसी बीच बैग पर लाल सिंह पैलेस लहार में रहने वाले राजीव परिहार की नज़र पड़ी. राजीव ने बिना देर किए फौरन बैग उठाया और नज़दीकी पॉइंट पर तैनात डायल-100 की एफ़.आर.व्ही के पास पहुंचे. उन्होंने पूरी जानकारी देकर बैग को पुलिस टीम को सौंप दिया.
पुलिस की मदद से लौटाया
उस वक्त ड्यूटी पर एफ आर व्ही. स्टाफ आरक्षक दीपेंद्र सैमिल और पायलेट विकास दबे थे.उन्होंने बैग चैक किया तो उसमें रुपए और एक टिफिन में गहने रखे मिले.डायल-100 ने फौरन इसकी सूचना अपने जिला कंट्रोल रूम को दी. पुलिस ने लोकल पत्रकारों और न्यूज ग्रुप्स में ये सूचना शेयर करवा दी. खबर वायरल होते-होते बैग के मालिक तक पहुंच गयी. ये बैग श्रीकृष्ण महावीर बघेल का था. वो फौरन दौड़े-दौड़े लहार थाना आए. अपने बैग के बारे में डीटेल बताया. उनकी दी गयी जानकारी बैग में रखे सामान से मेल खा गयी. पुलिस ने पूरी पूछताछ और तसल्ली के बाद बैग बघेल साहब को सौंप दिया.
पेश की मिसाल
राजीव परिहार ने पुलिस को बताया कि उन्होंने बैग में जब नोट और गहने देखे तो उसने आसपास स्थित लोगों से पूछा. लेकिन जब बैग के मालिक का पता नहीं चला तो उन्होंने इसे डायल 100 की टीम को सौंप दिया. कोरोना वॉरियर पुलिस ने भी फौरन राजीव की मदद की. और इस तरह बैग को सही सलामत उसके मालिक तक पहुंचा दिया गया.
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