(फाइल फोटो)
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा, "दिल्ली सरकार को केवल सैलरी देने और ऑफिस के खर्च को उठाने के लिए 3,500 करोड़ रुपये हर महीने जरूरत है, जबकि पिछले दो महीने में करों से 500-500 करोड़ रुपये इकट्ठा हुए हैं, बाकी और स्त्रोत्रों से मिलाकर दिल्ली सरकार के पास कुल 1,735 करोड़ रुपये आए हैं."
कैसे दें कर्मचारियों का वेतन'
सिसोदिया ने कहा, "इस समय दिल्ली सरकार के सामने सबसे बड़ा संकट है कि अपने कर्मचारियों की सैलरी कैसे दी जाए. मैंने केंद्र सरकार से तुरंत राहत के तौर पर 5,000 करोड़ रुपये की मांग की है. मैंने केंद्रीय वित्त मंत्री जी को चिट्ठी लिखी है."
'दिल्ली सरकार को नहीं मिलती केंद्र से सहायता'
उन्होंने बताया कि वित्त मंत्री ने आपदा राहत कोष से जो पैसा राज्यों को दिया है वो पैसा दिल्ली सरकार को नहीं मिला है, इस वजह से दिल्ली में काफी वित्तीय दिक्कतें हैं. दिल्ली सरकार के पास कोई टैक्स नहीं आ रहे हैं, केंद्र सरकार से वैसे भी दिल्ली सरकार को कोई सहायता नहीं मिलती है.
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