इजराइल के रक्षा मंत्री नफतली बेन्नेट ने दावा किया कि उन्हें वह एंटीबॉडी दिखाया गया जो वायरस पर हमला करता है.
दुनियाभर के वैज्ञानिक कोविड-19 की वैक्सीन बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं. इस बीच दो अलग-अलग देश इजराइल और नीदरलैंड ने कोविड-19 की एंटीबॉडी बनाने का दावा किया है. इन दोनों अलग-अलग अध्ययनों का दावा है कि ये एंटीबॉडी कोरोना वायरस के संक्रमण को खत्म कर सकता है.
वैज्ञानिकों के नेतृत्व वाली एक डच टीम ने कहा कि वो एक लैब में संक्रमण को रोकने में कामयाब रहे. उसी समय, इजराइल के रक्षा मंत्री नफतली बेन्नेट ने दावा किया है कि मुख्य जीवविज्ञानी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस का एंटीबॉडी विकसित करने में ‘अहम उपलब्धि’ हासिल की है. हालांकि एंटीबॉडी का अभी तक इंसानों पर परीक्षण नहीं किया गया दोनों अध्ययन, जो अभी शुरुआती चरण में हैं, इससे कोरोनो वायरस के कारण उभरी महामारी कोविड-19 को रोकने और खत्म करने में मदद मिल सकती है.
नीदरलैंड में यूट्रेक्ट यूनिवर्सिटी के बेरेंड-जान बॉश ने कहा, "इस तरह के न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी में संक्रमित व्यक्ति में संक्रमण को बदलने, वायरस को साफ करने या वायरस से ग्रसित एक असंक्रमित व्यक्ति को बचाने की क्षमता होती है." यूट्रेक्ट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इसे "कोविड -19 के इलाज या रोकथाम के लिए पूरी तरह से मानव एंटीबॉडी विकसित करने की दिशा में एक शुरुआती कदम बताया है."
नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में पब्लिश एक रिसर्च के मुताबिक, 2002-04 Sars महामारी का मुकाबला करने के लिए विकसित एंटीबॉडी को देखा गया, जो एक कोरोना वायरस के कारण भी हुआ. इसमें कहा गया है कि यह एक ऐसी एंटीबॉडी की पहचान करता है जो वर्तमान वायरस के खिलाफ प्रभावी था, जिसे आधिकारिक तौर पर Sars-CoV-2 कहा जाता है.
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