खाड़ी देशों में लाखों भारतीय रहते हैं. लॉकडाउन की वजह से इनमें से कई वहां फंस गए हैं. विदेश में फंसे इन भारतीयों को वापस लाने के लिए भारत सरकार बड़े स्तर पर ऑपरेशन चलाने वाली है. इस ऑपरेशन को कई चरणों में अंजाम दिया जाएगा. सबसे पहले जानें कि पहले चरण में क्या कुछ होगा.
लॉकडाउन की वजह से 12 देशों में फंसे करीब 14 हजार 800 भारतीयों की स्वेदश वापसी के मेगा ऑपरेशन को 7 मई से अंजाम दिया जाएगा. अलग अलग देशों से उड़ानें भारत के 10 अलग अलग राज्यों के एयरपोर्ट पर पहुंचेंगी. इस अभियान के लिए एयर इंडिया की 40 और एयर इंडिया की सहयोगी विमान कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस की 24 उड़ानें अलग अलग देशों में जाएंगी.
किन देशों के लिए कितनी उड़ानें भेजी जाएंगी जानें
संयुक्त अरब अमीरात के लिए 10 उड़ानें. कुवैत के लिए 5, ओमान , कतर और बहरीन के लिए दो दो उड़ानें, ब्रिटेन, अमेरिका बांग्लादेश और मलेशिया के लिए 7-7 उड़ानें, सिंगापुर के लिए 5 और फिलीपींस के लिए भी 5 उड़ानें रवाना होंगी.
पहले चरण की इस यात्रा के लिए यात्रियों को किराया देना होगा. जैसे-
* लंदन से मुंबई, अहमदाबाद, बेंगलुरू या दिल्ली के लिए 50 हजार रुपये किराया निर्धारित किया गया है.
* अमेरिका के शिकागो से दिल्ली या हैदराबाद का किराया प्रति व्यक्ति एक लाख रुपये है.
* दुबई से अमृतसर, कोच्चि, दिल्ली का किराया 13 हजार रुपये है.
* सिंगापुर से दिल्ली और अहमदाबाद का किराया 20 हजार रुपये प्रति यात्री है.
* ढाका से दिल्ली की यात्रा के लिए तकरीबन 12,000 रुपये का किराया लगेगा.
पहले चरण में सफर को मुफ्त ना रखने को लेकर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि शुरुआती चरण में सफर को मुफ्त करने से वो लोग भी किराया नहीं देंगे जो सक्षम हैं. इस पर बाद में विचार किया जाएगा. लेकिन कांग्रेस ने किराया वसूलने पर आपत्ति जताई है. कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए सरकार तीन गुना किराया वसूल रही है. ये अमानवीय है.
हालांकि केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस पर भी तर्क दिया है. उन्होंने कहा है कि हम सब्सिडाइज्ड की जगह कमर्शियल किराया वसूल रहे हैं. एयर इंडिया पहले से ही सरकार से हर महीने मिलने वाले 500-600 करोड़ की सब्सिडी की मदद से चल रही है. ज्यादातर निजी विमान कंपनियां नुकसान उठा रही हैं.
किस देश से कितने लोगों को लाया जाएगा
संयुक्त अरब अमीरात से अबू धाबी, दुबई और शारजाह से 2000 भारतीयों का रेस्क्यू होगा. सऊदी अरब के रियाद, दमन और जेद्दा से 1000 भारतीयों का रेस्क्यू किया जाएगा. कतर और बहरीन से 400-400 भारतीयों का रेस्क्यू होगा. इसके अलावा कुवैत सिटी से 1000 भारतीयों की वतन वापसी होगी. ओमान की बात करें तो यहां मस्कट एयरपोर्ट से 450 भारतीय स्वदेश लौटेंगे. बांग्लादेश से 1400 भारतीय, फिलीपींस से 1250 भारतीय, सिंगापुर से 1250 भारतीय, मलेशिया से 1750 भारतीय, ब्रिटेन से 1750 भारतीयों का रेस्क्यू होगा. अमेरिका में फंसे 2100 लोगों की भी वतन वापसी होगी.
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