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भोपाल: मध्य प्रदेश में अब राज्यसभा की जमावट शुरू हो गयी है बीजेपी-कांग्रेस ने बुलाई विधायकों की बैठक


भोपाल: मध्य प्रदेश में अब राज्यसभा की जमावट शुरू हो गयी है. 19 जून को राज्यसभा की तीन सीटों के लिये चुनाव होने है, जिसके लिये बीजेपी और कांग्रेस ने कमर कस ली है. दोनों पार्टियों के सामने अपने विधायकों को एकजुट रखने की बड़ी चुनौती है. इसलिये आज और कल बीजेपी विधायक दल की बैठक है, तो आज कांग्रेस ने भी अपने विधायकों को भोपाल बुला लिया है.


सिंधिया और दिग्विजय हैं मैदान में


बीजेपी के प्रभारी प्रकाश जावडेकर और बीजे पांडा आज शाम भोपाल आ रहे हैं, तो कांग्रेस के प्रभारी मुकुल वासनिक भी आज दोपहर भोपाल आकर विधायकों से चर्चा करेंगे. राज्यसभा की तीन सीटों के लिये चार उम्मीदवार मैदान में हैं. बीजेपी ने पाला बदल कर आये ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी को उम्मीदवार बनाया है तो कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह और दलित नेता फूलसिंह बरैया को प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा है.


बीजेपी की राह आसान, कांग्रेस के लिए कई परेशानी


विधायकों की संख्या के हिसाब से देखा जाये तो सरकार बनने के बाद से बीजेपी का पलड़ा भारी है. उसे अपने दो प्रत्याशियों को जिताने के लिये 104 विधायक चाहिये जो पार्टी के पास हैं. इसके बाद भी किसी संभावित तोड़-फोड़ को लेकर पार्टी सतर्कता बरत रही है.


एक सीट जीतने के लिये 52 वोटों की जरूरत है जो आसानी कांग्रेस के पहले उम्मीदवार को सीट मिल सकती हैं मगर कांग्रेस को अपने दूसरे उम्मीदवार के लिये विधायकों का इंतजाम करना मुश्किल है. कांग्रेस के पास अभी 92 विधायक हैं. दूसरी सीट जीतने के लिए उसे 12 विधायक और चाहिये. चार निर्दलीय और तीन एसपी-बीएसपी विधायकों को जोड़ने पर भी उसकी जीत तब तक तय नहीं दिख, जब तक वो बीजेपी में तोड़-फोड़ ना कराये.


हांलाकि सरकार बनने के बाद बीजेपी मजबूत हालत में हैं, इसलिये कांग्रेस को अपना घर बचाना और अपने विधायकों को, अपने प्रत्याशियों को ही वोट कराना बड़ा काम है. चौथी सीट जीतना कांग्रेस के लिये दूर की कौड़ी है.


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