भोपाल.राज्यसभा चुनाव के मतदान से पहले बीजेपी ने दलित कार्ड खेल दिया है. बीजेपी के इस कार्ड की वजह से कांग्रेस 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में मुश्किल में पड़ सकती है. बीजेपी के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव ने कहा है कि कांग्रेस को राज्यसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार फूल सिंह बरैया को पहली वरीयता देनी चाहिए. फूल सिंह अनुसूचित जाति वर्ग से आते हैं और अगर वह राज्यसभा में पहुंचते हैं तो राज्यसभा में अनुसूचित जाति वर्ग का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा. जहां तक दिग्विजय सिंह की बात है तो वह पहले भी राज्यसभा जा चुके हैं और मुख्यमंत्री जैसे अहम पदों पर रह चुके हैं.
गोपाल भार्गव के इस बयान के बाद कांग्रेस के सामने अब पसोपेश की स्थिति बन गई है. क्योंकि यह लगभग तय माना जा रहा है कि कांग्रेस की ओर से दिग्विजय सिंह को ही पहली वरीयता राज्यसभा चुनाव में मिलेगी. ऐसे में अगर फूल सिंह बरैया राज्यसभा नहीं पहुंच पाते हैं तो फिर बीजेपी इस मुद्दे को उपचुनाव में भुनाने की कोशिश करेगी.
बरैया का उपचुनाव कनेक्शन
फूल सिंह बरैया ग्वालियर चंबल संभाग से आते हैं. विधानसभा चुनाव 2018 में बीजेपी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के माई के लाल बयान का सबसे बड़ा खामियाजा ग्वालियर चंबल संभाग में ही उठाना पड़ा था. बीजेपी सत्ता से बाहर हो गई थी इस बार विधानसभा की जिन 24 सीटों पर उप चुनाव होना है उनमें से ग्वालियर चंबल संभाग की सबसे ज्यादा 16 सीटें शामिल हैं. ऐसे में अगर कांग्रेस ने बरैया को पहली प्राथमिकता नहीं दी और वो राज्यसभा नहीं पहुंच पाए तो बीजेपी उपचुनाव में इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश करेगी.
किसकी सीट खाली कौन दावेदार ?
एमपी में जो तीन राज्यसभा की सीट खाली हुई हैं उनमें बीजेपी की ओर से 2 प्रभात झा और सत्यनारायण जटिया की सीट शामिल हैं. जबकि कांग्रेस की ओर से दिग्विजय सिंह का कार्यकाल खत्म हुआ.बदले सियासी समीकरण में बीजेपी में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी की ओर से उम्मीदवार बनाया गया जबकि दूसरे उम्मीदवार सुमेर सिंह सोलंकी हैं.कांग्रेस की ओर से दिग्विजय सिंह ने दोबारा नामांकन भरा है. कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवार फूल सिंह बरैया हैं. बदले सियासी समीकरण में अब 2 सीट बीजेपी और एक कांग्रेस के खाते में जाना तय है.
क्या है सियासी समीकरण ?
230 सीटों वाली एमपी विधानसभा में फिलहाल 24 सीट रिक्त हैं. 2 सीट विधायकों के निधन की वजह से रिक्त हुई हैं जबकि 22 सीटों पर कांग्रेस विधायकों ने सिंधिया के समर्थन में इस्तीफ़े दिए थे. सीटों के लिहाज से देखें तो कांग्रेस के 114 में से 22 विधायक कम हुए हैं तो मौजूदा आंकड़ा 92 है. जबकि बीजेपी के 107 विधायक हैं. 4 निर्दलीय, 2 बीएसपी और एक एसपी का विधायक है. इस लिहाज से बीजेपी को 2 सीट मिलना लगभग तय है.
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