नई दिल्ली. मोदी सरकार की स्कीम प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 31 जुलाई 2020 से पहले बैंक शाखा को सूचित करें. केंद्र सरकार की पीएम फसल बीमा योजना के तहत प्राकृतिक आपदा की स्थिति में किसानों को फसल के नुकसान की भरपाई की जाती है. हालांकि इस स्कीम से जुड़े न होने पर भी किसानों को फसल के नुकसान की स्थिति में बैंकों से बड़ी मदद मिल सकती है.
31 जुलाई तक देनी होंगी ये जरूरी जानकारी -केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी का कहना है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिए 31 जुलाई 2020 से पहले बैंक शाखा को सूचित करें. गैर ऋणी किसान सीएससी, बैंक, एजेंट से संपर्क कर सकते है अथवा बीमा पोर्टल पर फसल बीमा स्वयं भी कर सकते है.
आवश्यक दस्तावेज -किसान की एक फोटो, आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ, खेत का खसरा नंबर और खेत में फसल का सबूत देना होगा.
अगर केंद्र एवं राज्य सरकार की ओर से आपके इलाके को प्राकृतिक आपदा से प्रभावित घोषित कर दिया जाए और आपकी 33 फीसदी या उससे अधिक फसल नष्ट हुई है तो आपको मदद मिल सकती है.
इन आपदाओं में भूकंप, हिमस्खलन, भूस्खलन, सूखा, तूफान, बाढ़, आगजनी, बादल फटना, फसल में कीड़े लगना और शीत लहर आदि को शामिल किया गया है.
आपको बैंक को अपने फसल के नुकसान की सूचना देनी होगी और यह बताना होगा कि आपने जो कर्ज लिया है, उसे चुकाने की आपकी क्षमता प्रभावित हुई है.
अगर आपकी 33 से 50 फीसदी तक की फसल नष्ट हुई है तो फिर कर्ज की अदायगी के लिए 2 साल का अतिरिक्त समय मिल जाएगा.
बैंक की ओर से आपके शॉर्ट टर्म लोन के टर्म लोन में तब्दील कर दिया जाएगा. अतिरिक्त मिले दो सालों में से पहले वर्ष कोई किस्त नहीं देनी होगी.
अगर नहीं यदि फसल का नुकसान 50 फीसदी से भी ज्यादा का है तो कर्ज चुकाने की अवधि में 5 साल तक की राहत मिल सकती है. इसमें भी एक साल का मोराटोरियम रहेगा.
फायदा लेने के लिए इन डॉक्यूमेंट की जरूरत - किसान की एक फोटो, आईडी कार्ड, एड्रेस प्रूफ, खेत का, खसरा नंबर, खेत में फसल का सबूत देना होता है.
किसान क्लेम हेतु बीमा कम्पनी के टोल-फ्री नम्बर 18002005142 या फिर 1800120909090 पर या बीमा कंपनी और कृषि विभाग विशेषज्ञ से सम्पर्क साध सकते हैं. इसके लिए 72 घंटे का समय निर्धारित है. नुकसान होने पर खेतवार नुकसान का आकलन कर भुगतान किया जाता है.
कितना देना पड़ता है प्रीमियम -खरीफ की फसल के लिये 2 फीसदी प्रीमियम और रबी की फसल के लिये 1.5% प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है. PMFBY योजना में कॅमर्शियल और बागवानी फसलों के लिए भी बीमा सुरक्षा प्रदान करती है. इसमें किसानों को 5% प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है.
MFBY में कैसे मिलता है लाभ-बुआई के 10 दिन के अंदर किसान को PMFBY का अप्लीकेशन भरनी होगी. बीमा की रकम का लाभ तभी मिलेगा जब आपकी फसल किसी प्राकृतिक आपदा की वजह से ही खराब हुई हो. बुवाई से कटाई के बीच खड़ी फसलों को प्राकृतिक आपदाओं, रोगों व कीटों से हुए नुकसान की भरपाई. खड़ी फसलों को स्थानीय आपदाओं, ओलावृष्टि, भू-स्खलन, बादल फटने, आकाशीय बिजली से हुए नुकसान की भरपाई फसल कटाई के बाद अगले 14 दिन तक खेत में सुखाने के लिए रखी गई फसलों को बेमौसम चक्रवाती बारिश, ओलावृष्टि और आंधी से हुई क्षति की स्थिति में व्यक्तिगत आधार पर क्षति का आकलन कर बीमा कंपनी भरपाई करेगी. प्रतिकूल मौसमी स्थितियों के कारण फसल की बुवाई न कर पाने पर भी लाभ मिलेगा.
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