फाइल फोटो
इसके साथ ही खबर है कि गोस्वामी तुलसीदास द्वारा स्थापित ऐशबाग रामलीला मैदान से मिट्टी को अयोध्या भेजने की तैयारी जोर शोर से की जा रही है. अयोध्या शोध संस्थान के माध्यम से मिट्टी को 5 अगस्त को भेजा जाएगा. कोरोना संक्रमण के चलते रामलीला समिति का कोई भी पदधिकारी समारोह में शामिल नहीं हो पाएगा. लेकिन रामलीला मैदान में हवन के साथ श्री राम पूजन किया जायेगा.
अयोध्या के संतों की मदद से गोस्वामी तुलसीदास ने करीब 500 साल पहले ऐशबाग रामलीला मैदान में मंच शुरू किया था. उधर नैमिषारण्य की रज और जल को भी राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या ले जाया जाएगा. इसके साथ ही खबर है कि 5 अगस्त को होने वाले भूमि पूजन में उज्जैन के महाकाल मंदिर की भस्म आरती की भस्म का भी उपयोग किया जाएगा.
भस्म आरती की भस्म अयोध्या के लिए रवाना
महाकाल मंदिर में सावन के चौथे सोमवार हुई भस्म आरती की भस्म अयोध्या के लिए रवाना कर दी गई है. राम मंदिर निर्माण को लेकर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर से पवित्र भस्म, शिप्रा नदी का जल और महाकाल की मिट्टी विश्व हिंदू परिषद को सौंप दी गई है. विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी अयोध्या के लिए रवाना हो रहे हैं. वे 3 अगस्त को अयोध्या में होने वाले धार्मिक आयोजन के दौरान भस्म, जल, मिट्टी वहां सौंपेंगे.
5 अगस्त को होने वाले राम मंदिर भूमि पूजन आयोजन में 12 ज्योतिर्लिंगों से पूजन सामग्रियां पहुंचाई जा रही हैं. महानिर्वाणी अखाड़े के गादीपति विनीत गिरी महाराज ने बताया कि सावन के चौथे सोमवार हुई पवित्र भस्म आरती की भस्म को विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों को सौंप दिया गया है.
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