भोपाल. राजधानी भोपाल में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए अब प्राइवेट होटल्स को भी क्वारंटीन सेंटर बना दिया गया है. इसके लिए शहर के 16 होटलों चयन किया गया है. फिलहाल कोई बड़ा होटल इसमें शामिल नहीं है, क्योंकि उनका किराया बहुत ज़्यादा है. क्वारंटीन सेंटर बनाए गए होटल्स के लिए लोगों को तय किराया देना होगा. भोपाल में निजी होटलों के साथ एमपी टूरिज्म ने भी प्रदेश भर में अपने चुनिंदा होटलों में क्वारंटीन की सुविधा शुरू की है. ये होटलें उज्जैन, रीवा, जबलपुर, ग्वालियर में हैं.
16 होटल बने क्वारंटीन सेंटर
शहर के 16 होटलों को क्वारंटीन सेंटर बना दिया गया है. यहां एक दिन का किराया 800 से लेकर 3000 तक तय किया गया है. 16 होटलों में 1000 बेड की व्यवस्था रहेगी. इन होटलों में कोरोना की गाइडलाइन और सरकारी आदेश के तहत व्यवस्था रहेगी. भोपाल को छोड़कर दूसरे जिलों के प्रशासन ने प्राइवेट होटलों को इसके लिए परमिशन नहीं दी है. सिर्फ दूसरे जिलों में MPT को अपने होटलों को क्वारंटीन सेंटर बनाने की इजाज़त है.
ऐसी रहेगी व्यवस्था
शासन-प्रशासन के नियमों के तहत होटलों के अंदर व्यवस्था की जाएगी. प्रशासन ने लग्जरी और बड़े होटल को इसमें शामिल नहीं किया है, क्योंकि इन होटलों का किराया बहुत ज्यादा है. जो लोग इन होटलों में क्वारंटीन होंगे उन्हें प्रशासन की ओर से तय किए गए पैसे होटल को देने होंगे. इस पैसे में खाने का पैसा भी शामिल होगा. सरकार की तरफ से निशुल्क क्वारंटीन सेंटर की व्यवस्था भी है. लेकिन जो लोग इन क्वारंटीन सेंटर में नहीं रहना चाहते, उनके लिए इन होटलों का इंतज़ाम किया गया है.
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