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इंदौर डीआईजी ने हेल्प लाइन शुरू हुए अभी ज्यादा वक़्त नहीं हुआ है लेकिन अब तक कोई भी आवेदन पेंडिंग नहीं है


इंदौर.इंदौर डीआईजी हरि नारायण चारी मिश्रा ने अपने स्टाफ के लिए नयी पहल की है. उन्होंने पुलिस कर्मियों के लिए व्हाट्स एप पर एक हेल्प लाइन बना दी है. अब कोई भी दिक्कत हो, छुट्टी या सरकारी घर चाहिए हो या तबादला करवाना हो तो इस हेल्प लाइन पर पुलिस जवान अपनी बात रख रहे हैं. बिना किसी देर के उनकी शिकायत और समस्या पर सुनवाई भी हो रही है.
लोगों की शिकायतें और झगड़े निपटाने वाली पुलिस की शिकायतों का ही कई बार निपटारा नहीं हो पाता है.इसका मूल कारण यह भी है पुलिस वाले इतने व्यस्त रहते हैं कि वो आपस में अपने स्टाफ के लिए भी वक्त नहीं निकाल पाते. स्टाफ की इसी परेशानी को समझते हुए डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्रा ने एक हेल्प लाइन बना दी है. इस हेल्प लाइन पर पुलिस कर्मी अवकाश, आवास और तबादले के लिए उनसे सीधे सम्पर्क कर सकते हैं.
अब नहीं करना होगा इंतज़ार
कोरोना संकम्रण के कारण पुलिस कंट्रोल रूम में बड़ी संख्या में शहर भर के लोग अपनी शिकायत करने पहुंचते ही हैं.वह अपनी फरियाद करते हैं , इसके साथ ही पुलिस कर्मियों को भी अपनी शिकायत के लिए घंटों डीआईजी दफ्तर के बाहर इंतजार करना पड़ता है.  कई बार तो ऐसा भी होता है कि अवकाश के दिन पुलिस कर्मियों को फरियाद लेकर डीआईजी दफ्तर पहुंचना पड़ता है.
हर समस्या पर सुनवाई


डीआईजी की ओर से शुरू की गई हेल्प लाइन पर केटेगरी तय की गई हैं.उसके हिसाब से शिकायतों का निपटारा किया जा रहा है. खुद डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्रा इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं. सबसे पहले छुट्टी की एप्लीकेशन पर सुनवाई होती है. पुलिस वालों को सुविधा ये है कि वो व्हाट्सएप्प के जरिये ही अपनी बात इस हेल्प लाइन में रख सकते हैं. इस हेल्प लाइन पर पीएफ से संबंधित  शिकायत हो या, पेंशन खाते या फिर तबादले पोस्टिंग की बात, हर समस्या की सुनवाई यहां की जा रही है


घर बैठे सुनवाई
इंदौर डीआईजी हरियनारायण चारी मिश्रा के मुताबिक़ पुलिस कर्मियों की परेशानी ध्यान में रखते हुए यह हेल्प लाइन शुरू की है. इसके ज़रिए स्टाफ की समस्याओं और शिकायतों का जल्दी निपटारा किया जा सकेगा. इसे शुरू हुए अभी ज्यादा वक़्त नहीं हुआ है लेकिन अब तक कोई भी आवेदन पेंडिंग नहीं है. शिकायत आते ही तत्काल सुनवाई कर उसका निपटारा किया जा रहा है. इससे पुलिस कर्मियों का समय भी बच रहा है और उनकी परेशानी भी दूर हो रही है. उन्हें डीआईजी दफ्तर आने की ज़रूरत नहीं पड़ रही


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