पिछले 3 महीनों में इंडियन रेलवे कई नई चीजें लांच कर चुका है. क्लीन फ्यूल के इस्तेमाल को रेलवे ने और आगे बढ़ाया है. भारतीय रेल ने बैटरी से चलने वाले इंजन को बनाया है और इसका सफल परीक्षण भी किया है. तो अब ये कहना गलत नहीं होगा की कुछ ही दिनों में अब पटरियों पर बैटरी से चलने वाली ट्रेनें नजर आ सकती हैं.
बिजली और डीजल की खपत को बचाने के लिए उठाया ये कदम
रेलवे के मुताबिक इस इंजन का निर्माण बिजली और डीजल की खपत को बचाने के लिए किया गया है. इंडियन रेलवे ने बताया कि पश्चिम मध्य रेल के जबलपुर मंडल में बैटरी से चलने वाले ड्यूल मोड शंटिंग लोको 'नवदूत' का निर्माण किया गया है, जिसका परीक्षण सफल रहा है. बैटरी से ऑपरेट होने वाला यह लोको, डीजल की बचत के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में एक बड़ा कदम होगा.
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर कहा कि बैटरी से ऑपरेट होने वाला यह लोको एक उज्ज्वल भविष्य का संकेत है, जो डीजल के साथ विदेशी मुद्रा की बचत और पर्यावरण संरक्षण में एक बड़ा कदम होगा
रेलवे के जबलपुर मंडल में बैटरी से चलने वाले ड्यूल मोड शंटिंग लोको 'नवदूत' का निर्माण किया गया, जिसका परीक्षण सफल रहा। बैटरी से ऑपरेट होने वाला यह लोको एक उज्ज्वल भविष्य का संकेत है, जो डीजल के साथ विदेशी मुद्रा की बचत, और पर्यावरण संरक्षण में एक बड़ा कदम होगा।
कुछ समय पहले पटरी पर दौड़ चुका शेषनाग
पिछले हफ्ते रेलवे ने 2.8 किलोमीटर लंबी मालगाड़ी को पटरियों पर दौड़ाकर इतिहास रच दिया. रेलवे ने इस ट्रेन को शेषनाग नाम दिया. इस ट्रेन में चार इंजन लगाए गए थे. ये ट्रेन 251 वैगन के साथ चली. इससे पहले रेलवे ने 2 किलोमीटर लंबी सुपर एनाकोंडा को दौड़ाया था, जिसमें 6000 हॉर्स पावर की क्षमता वाले 3 इंजन लगाए गए थे. इस ट्रेन में 177 लोडेड वैगन थे.
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