जबलपुर. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश के अभिभावकों को बड़ी राहत दी है. हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि फीस न देने पर अब स्कूल प्रबंधन बच्चों का नाम नहीं काट सकते हैं. कोर्ट ने इस मामले में दायर 7 याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान अंतरिम आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी.
मध्य प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली के खिलाफ दायर याचिकाओं पर जबलपुर हाईकोर्ट ने अपना विस्तृत आदेश जारी किया है. हाईकोर्ट ने तमाम पैरेंट्स को एक बड़ी अंतरिम राहत दी है. अब फीस न देने पर स्कूल वाले बच्चे को नहीं निकाल सकेंगे.
10 अगस्त को अगली सुनवाई
जबलपुर हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि आगामी सुनवाई तक किसी भी बच्चे को फीस न भर पाने पर स्कूल से निकाला नहीं जा सकता. हाईकोर्ट का ये अंतरिम आदेश आगामी सुनवाई यानि 10 अगस्त तक लागू रहेगा. इसी दिन मामले पर अगली सुनवाई की जाएगी. हाईकोर्ट ने सीबीएसई को भी 10 अगस्त तक मामले पर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है.
राज्य सरकार का जवाब
इससे पहले राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपना जवाब पेश किया था. वो साफ कर चुकी है कि उसने प्रदेश के स्कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस वसूलने के आदेश दिए हैं.अब हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के कारण कोई भी स्कूल, फीस ना भर पाने वाले बच्चों के नाम स्कूल से नहीं काट सकेंगे.हाईकोर्ट में मामले पर अगली सुनवाई 10 अगस्त को की जाएगी
प्राइवेट स्कूलों की मनमानी
मध्य प्रदेश में कोविड-19 के संक्रमण के कारण लगाए गए लॉकडाउन के बाद स्कूलों ने ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की थी और वो अभिभावकों से मनमानी फीस वसूली करने लगे थे. इसके खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट में करीब 7 याचिकाएं दायर की गई हैं. इनमें निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने की मांग की गई है.कोर्ट ने इन्हीं याचिकाओं पर सुनवाई के बाद ये आदेश सुनाया
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