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राजधानी भोपाल में कोरोना संक्रमण के कारण हालात चिंताजनक बने हुए हैं रोज मिल रहे हैं 200 मरीज़


भोपाल. राजधानी भोपाल  में कोरोना संक्रमण के कारण हालात चिंताजनक बने हुए हैं. शहर में कोरोना की रफ्तार अब चार गुनी तेज हो चुकी है.हालात को देखते हुए शहर में लॉकडाउन लगाया गया है.लॉकडाउन की अवधि में ही कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज मिल रहे हैं. ये वो मरीज़ हैं जो अनलॉक के दौरान संक्रमण की चपेट में आए. शहर में अब रोजाना 200 से ज़्यादा मरीज़ों की पहचान हो रही है.

अनलॉक फेज 2 की शुरुआत में पहले सप्ताह में औसतन 50 मरीज रोजाना मिल रहे थे. वहीं अब ये आंकड़ा इस हफ्ते बढ़कर औसतन 150 मरीज रोजाना हो गया है. शहर के अधिकांश इलाकों में संक्रमण फैल चुका है.घनी आबादी वाले क्षेत्र समेत स्लम से लेकर पॉश कॉलोनियों तक अब कोरोना की चपेट में आ चुकी हैं. टेस्टिंग टीम का कहना है कि जो मरीज अब मिल रहे हैं, उनमें से ज्यादातर की केस हिस्ट्री नहीं है. ये मरीज अपने आसपास के लोगों से ही संक्रमित हो रहे हैं जो गंभीर बात है.कोरोना को कंट्रोल करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 30 जुलाई से रैपिड एंटिजेन टेस्ट की शुरुआत की है.इससे संदिग्धों को 30 मिनट में ही जांच की रिपोर्ट मिल जाएगी.

अनलॉक में कम थे मरीज़
-जुलाई के पहले हफ्ते में मात्र 372 नए मरीज मिले थे.
-24 जुलाई से अब तक 1361 नए संक्रमित मिल चुके हैं.


संक्रमण दर लगभग 14 फीसदी पर पहुंच चुकी है. यानि शहर में अब हर 100 संदिग्ध मरीजों में से 14 पॉजीटिव हैं.
-24 जुलाई तक शहर में 5109 संक्रमित मरीज थे
-30 जुलाई को कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 6326 हो गई
-लॉकडाउन के 7 दिन में 1217 मरीज शहर में मिल चुके हैं.

लॉकडाउन में क्यों बढ़ रहे हैं मरीज़
-कम्युनिटी स्प्रैड के कारण हॉटस्पॉट जोन में संक्रमण बढ़ा
-आम लोगों में जागरूकता की कमी, मास्क ना लगाना
-कम टेस्टिंग के कारण संक्रमित खुलेआम शहर में घूमते रहे
-बाहरी इलाक़ों से लगातार लोगों का शहर में आना
-सोशल डिस्टेंसिग का पालन ना होना
-अनलॉक फेज में व्यापारिक गतिविधियों के कारण कोरोना की चेन बनती गई जो टेस्टिंग के दौरान लॉकडाउन में सामने आयी.

लॉकडाउन से क्या हुआ हासिल
24 जुलाई की रात 8 बजे से लॉकडाउन लागू
24 जुलाई से 7 दिन में संक्रमित मरीजों के आंकड़े...
24 जुलाई -134
25 जुलाई -205
26 जुलाई -189
27 जुलाई- 170
28 जुलाई- 199
29 जुलाई- 246
30 जुलाई -218

16 जुलाई से 8 दिन में संक्रमित मरीज

16 जुलाई 128
17 जुलाई 113
18 जुलाई 140
19 जुलाई 149
20 जुलाई 155
21 जुलाई 157
22 जुलाई 153
23 जुलाई 190

लॉकडाउन से लेकर अनलॉक फेज 1 तक के फैक्टस..(25 मार्च से 1जून तक)
-लॉकडाउन के मुकाबले अनलॉक 1 में तीन गुना बढ़े कोरोना संक्रमित मामले
-अनलॉक 1 के दौरान राजधानी का इन्फेक्शन रेशियो 4 फीसदी रहा
-भोपाल में एक कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति 18 लोगों के लिए कोरोना कैरियर बनता रहा
-अनलॉक फेज 1 में लगभग 65 फीसदी पॉजिटिव शख्स वो रहे जो फस्ट कॉन्टैक्ट वाले थे.
-बढ़ते मरीज़ों की संख्या में से 80 फीसदी मरीजों को कोई लक्षण नहीं मिल रहे थे.
-70 प्रतिशत पॉजिटिव मरीज की नहीं हो पा रही थी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग,मरीज कॉन्टेक्ट हिस्ट्री बताने में असमर्थ रहे.
-शहर अनलॉक होने के बाद से भोपाल में सबसे ज्यादा ऑफिस और परिवार के लोग संक्रमित हुए.

अनलॉक 1 से लेकर अनलॉक 2 तक की स्थिति...(1 जून से अब तक)
-भोपाल में लॉकडाउन से लेकर अनलॉक फेज़ तक में कोरोना के मामले चार गुना तक बढ़े
-कम्युनिटी स्प्रैड के कारण हॉटस्पॉट जोन में संक्रमण बढ़ा
-अनलॉक 1 से लेकर अनलॉक 2 तक गाइडलाइन का पालन ना करने से शहर में संक्रमण हावी हुआ
-शहर में कामकाजी वर्ग कोरोना का शिकार बना
-लॉकडाउन में टेस्टिंग कम थी जिसे अनलॉक में बढ़ाया गया,पहले 600 थी जिसे 1 हजार से 12 सौ किया गया
-शहर के अनलॉक 2 की शुरूआत होने के बाद से भोपाल में सबसे ज्यादा ऑफिस और परिवार के लोग संक्रमित हो रहे हैं
-प्रशासन में हॉटस्पॉटों को चिन्हित कर वापस लॉकडाउन लगाया है.
-बढ़ते आंकड़ो को देखकर शहर में 24 जुलाई की रात से लॉकडाउन के आदेश जारी किए गए.


जागो जनता जागो
आलम ये है कि अब पूरा शहर संक्रमण की चपेट में आ चुका है.पुराने इलाके हों या नई बसी पॉश कॉलोनियां कोरोना अपने तेवर तेज़ करता जा रहा है. फ्रंट लाइन पर खड़े योद्धाओं समेत तमाम शहरवासियों की अपनी जद में लेता जा रहा है, जिसके कारण इंफेक्शन का ग्राफ भी तेज़ी से उपर चढ़ता जा रहा है.ऐसे में लोगों की लापरवाही ही है जो कोरोना को फैला रही है.लॉकडाउन के दौरान भी लोग मान नहीं रहे हैं.सड़कों पर लोगो की आवाजाही और वाहकों की लंबी कतारे आसानी से देखने को मिल रही है.


 


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