साल 2020 सिर्फ बॉलीवुड ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए भारी साबित हो रहा है. फिल्म इंडस्ट्री ने इस साल अपने कई उम्दा कलाकार खोए हैं. जिनमें अब फिल्म 'शोले' में सूरमा भोपाली के किरदार से मशहूर दिग्गज कामेडियन जगदीप का भी नाम शामिल हो गया है. बुधवार को दिग्गज अभिनेता जगदीप का 81 साल की उम्र में निधन हो गया.
जगदीप ने अपना करियर 1951 में 'अफसाना' फिल्म से शुरू किया था. 29 मार्च 1939 में जन्मे सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी उर्फ जगदीप ने कई फिल्मों में काम किया. रमेश सिप्पी की ब्लाकबस्टर फिल्म शोले (1975) से उन्हें विशेष पहचान मिली.
इस फिल्म में उन्होंने सूरमा भोपाली का किरदार निभाया था. इस कॉमिक कैरेक्टर से जगदीप को काफी नाम और पहचान मिली, जिसके बाद से उन्हें सूरमा भोपाली के नाम से भी जाना जाने लगा. जगदीप ने अपनी अदायगी से इस कैरेक्टर को अमर कर दिया. खास तौर पर भोपाल के कल्चर को पर्दे पर उस कदर उतारने में जगदीप ने जो काम किया उसे कभी नहीं भुलाया जा सकेगा. भोपाली किस कदर पान खाते हैं वे किस तरह से बोलते हैं उन सभी बारीकियों को जगदीप ने अपने किरदार के माध्यम से पर्दे के जरिए लोगों के सामने प्रस्तुत किया.
इस फिल्म में जयदीप लकड़ी का कारोबार करने वाले एक शख्स की भूमिका में थे जिसके जरिए जय (अमिताभ) और वीरू (धर्मेंद्र) खुद को कानून के हवाले करवाते हैं. फिल्म में छटे हुए बदमाश के किरदार को पकडवाना जयदीप के किरदार सूरमा भोपाली के लिए किसी शेखी से कम नहीं था. अपने कॉमिक कैरेक्टर में नामी चोरों को पकड़वाने और खुद की तारीफ करने की जो एक्टिंग जयदीप ने की वह दर्शकों के दिलों में अमर हो गई.
खास तौर पर फिल्म शोले में उनका ये डॉयलाग, “अल्ला आपकी तमन्ना पूरी करे, भोपाल होता तो हम वेसे ही आप को दो मिनट मे अंदर करवा देते, हमारा नाम सूरमा भोपाली हे.” शोले फिल्म में जयदीप का ये डायलॉग, “क्या के रे हो आप, मे तो केता हूं आप ये पान खा लो, भोत अच्छा पान है मियां, भोत अच्छा पान है.’’ लोगों के जेहन में भोपाल के असली कैरेक्टर को जिंदा कर देता है.
फिल्म शोले में जगदीप के किरदार के डायलॉग सलीम-जावेद ने लिखे हैं. ऐसा बताते हैं कि ये करिदार भोपाल के सूफिया कॉलेज के एक शख्स को देखकर लिखा था. उस शख्स का असली नाम नाहर सिंह बघेल था.
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