आज विश्व गर्भ निरोधक दिवस है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि छोटे और सुखी परिवार के लिए लोगों में परिवार नियोजन के प्रति रुझान बढ़ रहा है। यह संभव हुआ है स्वास्थ्य विभाग की ओर से अनचाहे गर्भ से बचने के लिए शहर से लेकर गांवों तक लोगों को जागरूक करने के लिए छेड़ी गई मुहिम से। छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष भारत बजाज ने बताया कि कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान अनचाहे गर्भ से बचने के लिए गर्भनिरोधक दवाओं आदि की मांग 10 फीसद तक बढ़ी है।
औसतन जहां इनका कारोबार एक करोड़ रुपये का होता था, वह लॉकडाउन के दौरान बढ़कर एक करोड़ 10 लाख तक पहुंच गया है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, रायपुर जिले में कोरोना महामारी के बीच मार्च 2020 से अब तक 40 हजार से अधिक गर्भनिरोधक गोलियां बांटी जा चुकी हैं। वहीं, पिछले साल अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक करीब 90 हजार गोलियां बांटी गईं थीं।
नसबंदी के घटे आंकड़ेः महामारी के कारण नसबंदी के आंकड़ों में कमी दर्ज की गई है। मार्च से अब तक महिला और पुरुषों की करीब एक हजार नसंबदी हुई है। वहीं, पिछले साल अप्रैल 2019 से मार्च 2020 के दौरान 694 पुरुषों और 9,674 महिलाओं ने नसबंदी कराई थी।
230 महिलाओं ने कॉपर-टी लगवाया
इस वर्ष कोरोना काल में भी पूरे प्रदेश में 11 से 24 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा आयोजित किया गया। परिवार नियोजन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 'परिवार नियोजन की तैयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी' का संदेश दिया गया। साथ ही अस्थाई व स्थाई गर्भ निरोधन साधनों की जानकारी प्रदान की गई। कोरोना काल में 230 महिलाओं ने कॉपर-टी (इंट्रा यूट्राइन डिवाइस - आइयूडी) लगवाई और 422 महिलाओं ने पीपीआयूसीडी को गर्भ निरोधक साधन के अस्थाई रूप में अपनाया।
इसलिए मनाते हैं विश्व गर्भनिरोधक दिवस
गर्भ निरोधक उपायों के प्रति जागरूकता फैलाने और युवाओं को सही उम्र में प्रजनन का निर्णय लेने में सक्षम बनाने के लिए 26 सितंबर को विश्व गर्भ निरोधक दिवस मनाया गया जाता है।
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