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भारत में कोरोना के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़े


भारत में कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़े बताते हैं कि बड़ी संख्या में मरीज इस बीमारी को मात भी दे रहे हैं। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने की तुलना में सितंबर में रिकवरी रेट 100 फीसदी बढ़ा है। वहीं, अब तक सामने आए कुल मरीजों में से 82 फीसदी स्वस्थ्य हो चुके हैं। बता दें, देश में कुल मरीजों का आंकड़ा साठ लाख के पार हो गया है। वहीं एक्टिव मरीजों की संख्या 10 लाख से कम है। जिन राज्यों में पहले कोरोना तेजी से फैल रहा था, वहां अब राहत के संकेत मिल रहे हैं। मसलन दिल्ली में सोमवार को 1984 नए मामले सामने आए जो कि करीब एक महीने में सबसे कम हैं।


कोरोना वैक्सीन ट्रायल पर हाई कोर्ट ने केंद्र से जानकारी मांगी


इस बीच, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार के अधिवक्ता से आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) के मास्क की गुणवत्ता की जानकारी मांगी है। पूछा कि कोरोना वैक्सीन परीक्षण किस तरीके तथा कितने समय में पूरा कर लिया जाएगा। कोर्ट ने यह आदेश एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।


कोर्ट ने कहा है कि देश में तीन माह तक सफलतापूर्वक लाकडाउन लागू कराने वाली पुलिस अब मास्क पहनकर शारीरिक दूरी को कड़ाई से लागू नहीं करा पा रही। अक्सर देखा जा रहा है कि थाने के बाहर पुलिस के कई लोग स्वयं मास्क नहीं पहन रहे। जब से एसएसपी ने जिलों में टास्क फोर्स गठित किया सिविल पुलिस गाइडलाइन लागू कराने में रुचि नहीं ले रही।


कोर्ट ने वकीलों के सुझावों का उल्लेख करते हुए राज्य सरकार को अमल में लाने पर विचार करने का निर्देश दिया है। 30 सितंबर को सुनवाई के दिन जानकारी मांगी है। कोर्ट ने सुझाव दिया है कि पुलिस व सरकारी कर्मचारियों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य हो, क्योंकि खुद मास्क पहनकर न आने वाले दूसरों को कैसे मास्क पहनने को कह सकते हैं? सभी विभागों के मुखिया सबको जागरूक करें और मास्क, शारीरिक दूरी का पाविधान कड़ाई से लागू करें। हर नागरिक को अधिकार हो कि कोई बिना मास्क दिखे टोल फ्री नंबर पर फोन कर शिकायत कर सके।


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