कोरोना महामारी की वजह से दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं. जिस वजह से रोजगार के अवसर घटे हैं. भारत में लॉकडाउन की वजह से बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हुए हैं. अब संयुक्त राष्ट्र की संस्था इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन (ILO) ने एक रिपोर्ट जारी की है.
इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभर में कोरोना महामारी के कारण 50 करोड़ से अधिक लोग बेरोजगार हुए हैं. ILO ने यह अनुमान काम के घंटे में आई कमी के आधार पर लगाया है.
अनुमान से ज्यादा बेरोजगारी के आंकड़े
ILO ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि कोरोना की वजह से रोजगार के मोर्चे पर जितना आकलन किया गया था, उससे कहीं अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल के अंत तक सुधार की गुंजाइश भी कम है. क्योंकि आर्थिक गतिविधियां धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही हैं.
50 करोड़ से अधिक बेरोजगारी के आंकड़ों का अनुमान काम के घंटे में आई कमी के आधार पर लगाया है. रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में काम के घंटे में 17 फीसदी की गिरावट आई है, जो 50 करोड़ लोगों की नौकरियां जाने के बराबर है.
काम के घंटों के आधार पर अनुमान
दरसअल इससे पहले जून में ILO की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया था कि कोरोना संकट की वजह से 40 करोड़ लोग बेरोजगार होंगे. अब काम के घंटे के आधार पर रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुमान से 10 करोड़ अधिक लोग कोरोना के कारण बेरोजगार हुए हैं.
ILO के अध्यक्ष गाई राइडर का कहना है कि लेबर मार्केट को हुआ यह नुकसान भीषण है. वैश्विक स्तर पर लेबर इनकम में 10.7% की कमी आई है. यही नहीं, ILO ने आशंका जताई है कि अगर कोरोना वायरस का सेकेंड वेव आता है तो स्थिति और बिगड़ जाएगी.
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