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घर में शहद रखने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है



घर में शहद रखने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।








 पौराणिक शास्रों में ऐसी कई वस्तुओं का उल्लेख किया गया है, जो हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा है और जो हमारे स्वास्थ्य से लेकर हमारे घर-परिवार की आबोहवा तक को प्रभावित करती है। ऐसी ही एक सकारात्मक ऊर्जा से भरी हुई, स्वास्थ्यवर्धक और हमारी रसोई से लेकर पूजा-पाठ तक में काम आने वाली वस्तु है शहद। शहद औषधीय गुणों से भरपूर है और इसको घर में रखना भी काफी शुभ माना जाता है। शहद को पंच तत्वों में एक आकाश तत्व का प्रतीक माना जाता है।


शहद के कई प्रयोग है जिसका विधि अनुसार उपयोग कर आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के साथ अपना दुख-तकलिफों को भी दूर कर सकते हैं। शहद निरोगी काया देने के साथ आर्थिक हालात को भी बेहतर बनाता है। यदि आपके घर में धन टिकता नहीं है, आय के मुकाबले खर्च ज्यादा हो, या धन के आगम से ज्यादा निर्गम लगातार चलता रहे तो वास्तु के अनुसार घर में शहद रखना शुभ फलदायी होता है। शहद घर की नकारात्मक ऊर्जा का नाश कर सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाता है।







शनि के अशुभ प्रबाव को कम करता है शहद


शहद कुंडली में शनिदेव के अशुभ प्रभाव को कम कर कष्टों में कमी लाता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि नीच राशि में, वक्री, अशुभ स्थान पर, अशुभ ग्रहों के प्रभाव में हो या शनि की महादशा, अंतर्दशा, साढ़ेसाती या ढैया चल रहा हो तो या शनि का गोचर अशुभ फल दे रहा हो तो इस तरह की परिस्थितियों में घर में शहद रखना शुभ फल प्रदान करता है और घर-परिवार पर शनि महाराज की कृपा सदैव बनी रहती है। इसके साथ ही मंदिर में शहद का दान भी शुभ फल देता है।



संतान संबंधी कष्टों से मिलता है छुटकारा


यदि जीवन में संतान से संबंधी समस्याएं चल रही है तो शनि महाराज की उपासना करें और साबुत उड़द में दही औऱ शहद मिलाकर अर्पित करें। शहद के इस उपाय से घर में शांति आती है और संतान संबंधी कष्टों से छुटकारा मिलता है।


गृहकलह से मिलती है निजात


घर में यदि कलह की समस्या हो और परिवार में छोटी-छोटी बातों से लड़ाई-झगड़ा होता है तो परिवार के सभी सदस्यों के रोजाना शहद का प्रयोग करने से गृहकलह का नाश होता है और परिवार के सदस्यों में शांति स्थापित होकर आपस में स्नेह बढ़ता है। शहद का उपयोग पूजा-पाठ में भी किया जाता है। देवताओं को नैवेद्य लगाने और उनके अभिषेक में शहद का उपयोग किया जाता है। पंचामृत का खास पदार्थ शहद है। दूध, दही, घी, शक्कर के साथ पंचामृत में शहद मिलाया जाता है।



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