इंदौर 2020। इस बार शक्ति की उपासना का नौ दिनी पर्व शारदीय नवरात्र की शुरुआत 17 अक्टूबर से होगी। इस बार कोरोना संक्रमण के चलते शक्ति की उपासना के पर्व में सादगी का रंग घुलेगा। गरबा उत्सव समितियां न बड़े-बड़े जगमगाते पंडाल सजाएंगी, न ही माता की मनोहारी बड़ी मूर्तियां विराजित की जाएंगी। 45 साल पुराने देवी अहिल्या गरबा मंडल ने अपना आयोजन निरस्त कर दिया है जबकि 50 साल से आयोजन कर रहे रॉयल गरबा मंडल ने छोटी मूर्ति विराजित करने की तैयारी की है।
रॉयल गरबा मंडल के अध्यक्ष सुरेंद्र पुरी ने बताया कि हर साल की तरह बड़ा पंडाल पंढरीनाथ पर नहीं लगाया जाएगा। प्रशासन के निर्देशानुसार 6 फीट की प्रतिमा विराजित कर शारीरिक दूरी के साथ दर्शन की व्यवस्था की जाएगी। इस बार प्रतिमा बनाने के लिए कलकत्ता से कलाकार भी नहीं बुलाए गए। स्थानीय कलाकार ही प्रतिमा बनाएंगे। देवी अहिल्या गरबा मंडल के अध्यक्ष महेश शर्मा का कहना है कि पिछले 45 साल से मच्छी बाजार चौराहा पर नवरात्र आस्था और उल्लास के साथ मनाते रहे हैं लेकिन इस बार आयोजन नहीं होंगे।
कन्या भोज और भंडारे, नियमित प्रसाद वितरण पर रहेगी रोक
- जय मां भवानी गरबा मंडल 34 साल से मां तुलजा भवानी मंदिर रामनगर में गरबा का आयोजन करता रहा है। अध्यक्ष सुधीर कोल्हे बताते हैं कि इस बार केवल घटस्थापना की जाएगी। कन्या भोज, भंडारे और प्रसाद वितरण नहीं किया जाएगा।
- सार्वजनिक महोत्सव समिति जयरामपुर कॉलोनी के अनिल आगा बताते हैं कि माता की ढाई फीट की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। माता के ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था होगी। प्रसाद वितरण और भंडारा नहीं होगा।
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