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इंदौर: शहर में लगभग 35 फीसद लोग नियमित रूप से मास्क लगाने को लेकर गंभीर नहीं



अभी मास्क ही वैक्सीन : कांटेक्ट ट्रेसिंग के लिए पहुंचने वाली टीम को मिली जानकारी, अब भी मास्क को लेकर गंभीर नहीं हो रहे लोग।








 इंदौर: शहर में लगभग 35 फीसद लोग नियमित रूप से मास्क लगाने को लेकर गंभीर नहीं हैं। जब अधिक दूरी तक या बाजार जाते हैं तभी मास्क लगाया जा रहा है। ये लोग आसपास मास्क का प्रयोग नहीं करते। ऐसी लापरवाही से इनके पॉजिटिव आने की संभावना बढ़ जाती है। यह जानकारी शहर में अलग-अलग हिस्सों में पहुंच रही कांटेक्ट ट्रेसिंग टीम को मिली है।


किसी क्षेत्र से पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद उनकी कांटेक्ट ट्रेसिंग की जाती है। ऐसे में जब उनसे संपर्क किया जाता है तो कई लोग बगैर मास्क के ही बाहर भी आ जाते हैं। टीम की समझाइश पर उनके अलग ही तर्क होते हैं। कई लोग तो घर में रहने के कारण मास्क क्यों लगाएं, ऐसे भी तर्क दे रहे हैं। टीम के सदस्य उन्हें यह समझाते हैं कि अगर आपके घर में या पड़ोस में पॉजिटिव मिला है तो मास्क लगाना बेहद जरूरी हो जाता है भले ही आप घर में ही हो।


मास्क लगाने को लेकर गंभीरता नहीं







कांटेक्ट ट्रेसिंग के लिए संपर्क करने पर लोग बगैर मास्क के मिलते हैं। ऐसे में हमारी टीम उन्हें यह संदेश देती है कि आपको मास्क लगाना जरूरी है। यह बात सही है शहर में मास्क नहीं लगाने के कारण भी लोग पॉजिटिव आ रहे हैं। - डॉ. अनिल डोंगरे (प्रभारी, स्क्रीनिंग सेंटर)


मरीजों को भी मास्क लगाने की समझाइश


जब लोग अस्पताल में भर्ती होने के लिए आते हैं तो इलाज के दौरान कई लोग मास्क नहीं लगाते। वे कहते हैं हम तो वार्ड में ही है ऐसे में उन्हें भी समझाइश दी जाती है कि आप मास्क लगाएं इससे दूसरे लोग भी सुरक्षित रहेंगे। - डॉ. संतोष सिसौदिया (नोडल अधिकारी, कोविड केयर सेंटर)


मास्क नहीं लगाना भी है एक कारण


शहर में अब संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसका एक कारण मास्क नहीं लगाना भी सामने आ रहा है। अगर कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उससे संक्रमित होने की संभावना होती है। - डॉ. प्रवीण जड़िया (सीएमएचओ)



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