Header Ads Widget

Responsive Advertisement

महाकाल की नगरी उज्जैन की हवा मध्य प्रदेश में सबसे प्रदूषित है शहर में ओजोन गैस व धूल के कणों का स्तर बढ़ा


महाकाल की नगरी उज्जैन की हवा मध्य प्रदेश में सबसे प्रदूषित है। शहर में ओजोन गैस व धूल के कणों का स्तर बढ़ा हुआ है। इससे वायु गुणवत्ता सूचकांक 178 तक पहुंच रहा है। उज्जैन में ओजोन गैस का स्तर 60 व धूल के कणों का स्तर 100 तक होना चाहिए, जो बढ़कर क्रमशः 217 व 130 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच रहा है।


इसकी वजह वाहनों से निकलने वाला धुआं, खराब सड़कें व खुले में चल रहे निर्माण कार्य हैं। भोपाल व इंदौर शहर का सूचकांक 70 से 90 के बीच है। यह सूचकांक 50 तक या उससे नीचे होने पर हवा शुद्घ होती है। प्रदूषण बढ़ने पर सूचकांक भी बढ़ता है। वायु प्रदूषण से श्वांस, फेफड़े, एलर्जी संबंधी परेशानियां बढ़ जाती हैं। बीमार बुजुर्ग व बच्चों को अधिक परेशानी होती है।


दरअसल, मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) के उज्जैन, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर समेत 15 शहरों में स्टेशन हैं, जो 24 घंटे हवा में प्रदूषण की स्थिति को रिकार्ड करते हैं। इन्हीं स्टेशनों के आंकड़ों से पता चला है कि 17 सितंबर को उज्जैन का सूचकांक सबसे अधिक 178 अंक तक पहुंच गया था। इसके बाद यह लगातार 100 से 130 के बीच रहा। रविवार को उज्जैन, भोपाल व इंदौर का सूचकांक क्रमशः 100, 63 व 57 रिकार्ड हुआ है।


इसलिए चिंता की बात


बारिश हो रही है इसलिए नमी का स्तर बना हुआ है। ऐसे समय में प्रदूषित तत्व, गैस नमी पाकर भारी हो जाते हैं और हवा में नहीं या बहुत कम फैलते हैं। इन स्थितियों के बावजूद इनका स्तर अभी से बढ़ने लगा है। बारिश बंद होने पर धूप होगी तो वायु प्रदूषण बढ़ सकता है।


शहर वायु गुणवत्ता सूचकांक


उज्जैन 100, 113, 121, 101, 78, 85, 114, 152, 108, 123, 178







भोपाल 63, 83, 86, 45, 34, 70, 85, 73, 76, 87, 89


मंडीदीप 42, 57, 49, 45, 44, 53, 66, 51, 56, 55, 49


इंदौर 57, 71, 69, 64, 47, 55, 57, 73, 61, 54, 71


पीथमपुर 65, 75, 83, 55, 39, 60, 52, 53, 61, 52, 62


ग्वालियर 55, 93, 63, 37, 30, 46, 83, 107, 66, 92, 152


जबलपुर 60, 80, 61, 48, 37, 46, 64, 66, 64, 94, 61


सिंगरौली 78, 62, 34, 24, 65, 50, 77, 100, 119, 118, 114



 

(वायु गुणवत्ता सूचकांक 27 सितंबर से घटते क्रम में 17 सितंबर तक)


इनका कहना है


ओजोन गैस का स्तर वाहनों से निकलने वाले धुएं व अन्य हानिकारक उत्सर्जन से बढ़ता है। लंबे समय तक इसकी अधिकता बनी रहने से यह ओजोन परत को भी नुकसान पहुंचा सकता है।


- पीआर देव, सेवानिवृत्त वरिष्ठ वैज्ञानिक पीसीबी मप्र


उज्जैन का वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़ने की वजह पता लगाकर उसे कम करने के लिए संबंधित एजेंसियों से समन्वय बनाएंगे।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ