प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव की घोषणा की संभावना को देखते हुए गृह सहित अन्य विभागों ने शुक्रवार को सौ से ज्यादा तबादले कर दिए। गृह विभाग ने तो चुनाव आयोग की नई दिल्ली में पत्रकारवार्ता से पहले ही 90 अधिकारियों के तबादला आदेश जारी कर दिए, ताकि बाद में कोई परेशानी न आए।
इसी तरह परिवहन, स्कूल शिक्षा और जेल विभाग ने स्थानांतरण के आदेश जारी किए। इन तबादलों को लेकर प्रदेश कांग्रेस ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में शिकायत करते हुए उन्हें निरस्त करने की मांग की है। सरकार ने चुनाव को प्रभावित करने के लिए तबादले किए हैं। चुनाव आयोग विधानसभा उपचुनाव की घोषणा कभी भी कर सकता है। इसकी संभावना को देखते हुए जन कल्याण सप्ताह के तहत कार्यक्रम निर्धारित किए गए हैं।
गुरुवार को जब यह संकेत मिले कि शुक्रवार को चुनाव आयोग पत्रकारवार्ता में उपचुनाव की घोषणा कर सकता है तो स्कूल शिक्षा, खनिज साधन और सहकारिता विभाग ने 60 से ज्यादा अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले कर दिए। गृह विभाग ने चुनाव आयोग की पत्रकारवार्ता शुरू होने के पहले एक के बाद एक तीन आदेश जारी किए। इसमें 19 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और 71 उप पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों के तबादले किए गए।
इसी तरह परिवहन विभाग ने 13 जिला परिवहन अधिकारी, स्कूल शिक्षा विभाग ने 14 जिला परियोजना अधिकारी और जेल विभाग ने दो कर्मचारियों के स्थानांतरण आदेश जारी किए।
इसे लेकर प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी चुनाव आयोग जेपी धनोपिया ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को आवेदन देकर कहा कि चुनाव आयोग की पत्रकारवार्ता से पहले सरकार जिस तरह से तबादले कर रही है, उससे साफ है कि वह चुनाव को प्रभावित करना चाहती है।
सरकारी मशीनरी का किया जा रहा है दुरुपयोग
धनोपिया ने शिकायत में कहा कि सत्तारूढ़ दल भाजपा प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है। सरकारी खर्च पर मुख्यमंत्री के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें वे मतदाताओं को प्रलोभन देने का काम कर रहे हैं। साथ ही भाजपा के संभावित प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान की अपील भी कर रहे हैं।
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