एक महीने में प्याज की कीमतों में तीन गुना इजाफा होने की वजह से केंद्र सरकार ने सोमवार से प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। दक्षिण भारत के राज्यों में ज्यादा बारिश की वजह से प्याज की फसल को हुए नुकसान की वजह से इसकी कीमतें लगातार बढ़ रही है।
अगस्त के दूसरे सप्ताह से प्याज की कीमत बढ़ने का सिलसिला शुरू हुआ जो अभी भी जारी है। दुनिया में प्याज की सबसे ज्यादा खेती भारत में की जाती है और मलेशिया, श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल जैसे देश इसके लिए भारत पर निर्भर रहते हैं। देश में प्याज की सबसे बड़ी मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव में प्याज का थोक भाव 30000 रुपए प्रति टन पहुंच गया है, जो एक महीने में करीब तीन गुना बढ़ गया है।
मुंबई स्थित प्याज निर्यात संघ के अध्यक्ष अजीत शाह ने बताया कि कर्नाटक और आंध्रप्रदेश जैसे राज्यों में इस साल बहुत ज्यादा बारिश हुई। इसकी वजह से प्याज की फसल को बहुत नुकसान पहुंचा, इसकी वजह से इसकी आवक कम हो रही है।
अभी प्याज की कीमत नहीं होगी कम:
प्याज एक महीने पहले तक रिटेल में 15 से 20 रुपए किलो बिक रहा था, जो इस समय 35 से 45 रुपए प्रति किलो पहुंच चुका है। फसल खराब होने और कम आवक होने की वजह से अभी निकट भविष्य (अगले 15 दिन) में तो प्याज की कीमतें कम होती नजर नहीं आ रही है। प्याज का उत्पादन प्रमुख रूप से 6 राज्यों में होता है। 50 प्रतिशत प्याज तो भारत की 10 मंडियों से आता है, इनमें से 6 तो महाराष्ट्र और कर्नाटक में हैं।
0 टिप्पणियाँ