अरब सागर में पिछले चार दिन से बना कम दवाब का क्षेत्र कमजोर पड़कर समाप्त हो गया है। वर्तमान में बंगाल की खाड़ी में एक अवदाब का क्षेत्र बना हुआ है। इस सिस्टम के शुक्रवार को गहरा अवदाब के क्षेत्र में तब्दील होकर आगे बढ़ने की संभावना है। इससे उत्तर-पूर्व के इलाकों में भारी बारिश की आंशका है। विशेषकर त्रिपुरा में तबाही मच सकती है। हालांकि इसके प्रभाव से मप्र के मौसम में विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है।
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक वातावरण में नमी कम होने लगी है। इस वजह से मप्र में अब धीरे-धीरे ठंड में इजाफा होगा। दिन के तापमान में भी गिरावट दर्ज होने लगेगी। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि गहरा अवदाब के क्षेत्र के शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में सुंदरवन के तट पर टकराने की संभावना है। इस शक्तिशाली सिस्टम के असर से उत्तर-पूर्व के इलाकों में कहीं-कहीं भारी वर्षा शुरू हो जाएगी। विशेषकर त्रिपुरा में बाढ़ के हालात बन सकते हैं।
इस सिस्टम के बांग्लादेश की तरफ बढ़ने के संकेत मिले हैं। इस वजह से इसका मप्र के मौसम पर विशेष प्रभाव पड़ने के आसार कम ही हैं। उधर एक पश्चिमी विक्षोभ अभी जम्मू-काश्मीर में सक्रिय है। इसके शनिवार तक श्रीनगर से आगे बढ़ने की संभावना है। इसके बाद हवाओं का रुख उत्तरी होने लगेगा।
उत्तर भारत की तरफ से आने वाली सर्द हवाएं प्रदेश में ठंडक बढ़ाएंगी। उन्होंने बताया कि अभी दस दिन तक बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में कोई नया वेदर सिस्टम बनने की संभावना नहीं दिख रही है। इस दौरान कोई पश्चिमी विक्षोभ के आने के भी संकेत नहीं दिख रहे हैं। इस वजह से अब हवाओं का पेटर्न (उत्तर-पश्चिमी) ठंड के मौसम के अनुकूल होने के आसार हैं।
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