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भारत जल्द ही अपने सोने के दाम खुद तय करेगा इसके लिए जल्द इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज शुरू किया जाएगा जानिए अन्य फायदे


भारत जल्द ही अपने सोने के दाम खुद तय करेगा। इसके लिए जल्द इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (International Bullion Exchange) शुरू किया जाएगा। यहां सोने और चांदी के स्पॉट ट्रेड हो सकेंगे। अभी लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन सोने की कीमत तय करता है और वह रेट भारत के सराफा बाजारों में लागू होते हैं। अंतरराष्ट्रीय सटोरियों के कारण भारत में बेवजह सोने के भाव ऊपर-नीचे नहीं होते रहते हैं। International bullion exchange के लिए अहमदाबाद के पास गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक (गिफ्ट) सिटी को चुना गया है। यहां इसकी स्थापना होगी। यह काम इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर अथॉरिटी (आईएफएससीए) की देखरेख में हो रहा है। आईएफएससीए बुलियन एक्सचेंज के नियामक के रूप में भी काम करेगा। पढ़िए राजीव कुमार की पूरी रिपोर्ट


वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज ने बताया, अगले कुछ महीनों में बुलियन एक्सचेंज काम शुरू कर देगा। भारत दुनिया में सोने (Gold) का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है, इसलिए सरकार ने अपना बुलियन एक्सचेंज शुरू करने का फैसला किया है। साल 2019 में भारत में लगभग 700 टन सोने की खपत हुई थी।







आगे की प्रक्रिया के मुताबिक, देश के सभी बड़े बैंक, गोल्ड एक्सचेंज ट्रेड फंड (ईटीएफ), एमएमटीसी जैसी सरकारी एजेंसी को बुलियन एक्सचेंज की सदस्यता दी जाएगी। बड़े-बड़े ज्वैलर्स को सब-डीलरशिप दी जा सकती है। जेम्स व ज्वैलरी निर्यातक एवं बुलियन विशेषज्ञ पंकज पारीख के मुताबिक, अभी कोरोना काल की वजह से लॉकडाउन के दौरान मई-जून में सोने के भाव भारत में लगातार बढ़ रहे थे जबकि वास्तव में इस अवधि में सोने की कोई मांग नहीं थी। अमेरिका तथा अन्य अंतरराष्ट्रीय सटोरियों द्वारा सोने की खरीद और बिक्री से कीमतें तय होती है जिसका भारत से कोई लेना-देना नहीं होता है।







एलबीएमए रोजाना सोने के भाव खोलता है जो भारत में सोने के भाव का आधार होता है। लंदन में जब भाव खुलते है तब तक भारत में दिन के तीन बजे से ऊपर हो चुके होते हैं। ऐसे में भारत के सराफा कारोबारी न्यूयॉर्क और जापान बुलियन एक्सचेंज के भाव को देखते हुए भारत के लिए औसतन एक भाव खोलते हैं और उसके हिसाब से कारोबार होता है।



लंदन में जो भाव खुलता है वह प्रति औंस में होता है जिसकी कीमत डॉलर में तय होती है। एक औंस 28.35 ग्राम के बराबर होता है।


मान लीजिए कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की 1,930 डॉलर प्रति औंस की कीमत खुली। अब इसमें 12.5 फीसदी आयात शुल्क के ऊपर प्रति औंस दो डॉलर जोड़कर जो कीमत आती है, उसके हिसाब से भारत में सोने की खुदरा बिक्री होती है। कई बार अंतरराष्ट्रीय बाजार में Gold के दाम गिरावट के साथ खुलते हैं, लेकिन डॉलर के मुकाबले रुपए में कमजोरी है तो भारत में Gold के दाम में तेजी रहती है।


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