रायपुर। छत्तीसगढ़ में शिक्षक भर्ती को लेकर कई विवाद सामने आ रहे हैं। अभ्यर्थियों के मुताबिक व्याख्याताओं की जो सूची जारी की जा रही है, उसमें दिव्यांगों के आरक्षण रोस्टर का सही तरीके से पालन नहीं किया गया है। एक विवाद इंजीनियरिंग के अभ्यर्थियों को लेकर है। दरअसल, व्यापमं ने जब आवेदन मंगवाया था तब इंजीनियरिंग के छात्रों को स्वीकार किया गया था, बाद में यह कहकर उन्हें बाहर कर दिया गया कि इंजीनियरिंग के विषय को गणित के रूप में स्कूलों में शामिल नहीं किया जा सकता। इस पर अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मामला अभी लंबित है। इसी तरह व्यापमं ने शिक्षक के लिए 12वीं पास जरूरी होना बताया था। इसे लेकर भी विवाद की स्थिति है। दरअसल, पहले के शिक्षक स्नातक स्तर के हैं।
उल्लेखनीय है कि नईदुनिया ने शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी को लेकर प्रमुखता से खबर प्रकाशित की। इसमें गड़बड़ी को उजागर करते हुए बताया गया था कि जिन्हें पहली सूची में अपात्र बताया गया था, उन्हें फिर से भर्ती का मौका दिया जा रहा है।
सात सितंबर को प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री ने लिया था संज्ञान
शिक्षकों की भर्ती में देरी को लेकर सात सितंबर को अभ्यर्थियों ने राजधानी में प्रदर्शन किया था। इसके बाद मुख्यमंत्री ने 14 हजार 580 पदों पर भर्ती करने के निर्देश दिए थे। अफसरों से सात दिन के भीतर भर्ती को लेकर रिपोर्ट मांगी गई थी।
गड़बड़ी का जताया था अंदेशा
शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थियों ने शुरू से गड़बड़ी का अंदेशा जताया था। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भर्ती प्रक्रिया तो शुरू हुई, लेकिन कई नियमों को ताक में रखकर। मिली जानकारी के अनुसार पात्रों और अपात्रों की सूची पहले जारी हो चुकी थी। दवा-आपत्ति का निराकरण हो चुका था, केवल ज्वाइनिंग की प्रक्रिया होनी थी, लेकिन अभ्यर्थियों को फिर से बुलाया जा रहा है।
0 टिप्पणियाँ