पिछले एक साल के दौरान डीआरआइ इंदौर ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कुल 3.5 टन से अधिक गांजा जब्त किया है।
इंदौर। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) ने विशेष सूचना के तहत की गई एक कार्रवाई में गुरुवार और शुक्रवार की दरम्यानी रात को भोपाल के बाहरी इलाके में 1,733.43 किलो गांजा जब्त किया। बाजार में इसकी कीमत करीब 3.5 करोड़ रुपये आंकी गई है। डीआरआइ इंदौर और भोपाल के अधिकारियों ने ट्रांसस्ट्रोय टोल नाका के पास एक कंटेनर ट्रक को रोका। जांच करने पर इसमें गांजा के 788 पैकेज मिले। ट्रक का रजिस्ट्रेशन नंबर उत्तर प्रदेश का था और यह आंध्र प्रदेश से आ रहा था। गांजा छुपाने के लिए ट्रक के कंटेनर को खाली ड्रमों से भर दिया गया था। अधिकारियों के मुताबिक यह माल उत्तर प्रदेश ले जाया जा रहा था। गांजा से भरे हुए इस ट्रक को एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एवं साइकोट्रोपिक पदार्थ) एक्ट, 1985 के प्रविधानों के उल्लंघन के आरोप में जब्त कर लिया गया। इसी अधिनियम के तहत एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया गया है।
डीआरआइ की इंदौर जोनल यूनिट की तरफ से किसी एक कार्रवाई के तहत जब्त की गई गांजे की यह सबसे बड़ी खेप है। डीआरआइ की स्थानीय यूनिट ने एक बयान जारी करके नशीली दवाओं और पदार्थों के खतरे से निपटने को लेकर अपनी प्रतिबद्घता दोहराई है। पिछले एक साल के दौरान डीआरआइ इंदौर ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कुल 3.5 टन से अधिक गांजा जब्त किया है।
दो दिन पहले 117 किलो चरस
महज दो दिन पहले डीआरआइ इंदौर और भोपाल के अधिकारियों ने नरसिंहपुर पुलिस की मदद से एक दिन-रात की कार्रवाई के तहत 117 किलो चरस (हशीश) जब्त किया था, जिसकी तस्करी नेपाल से की जा रही थी। इस मामले में दो वाहनों और सात लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
एमपी-सीजी के रास्ते बढ़ी नशीली पदार्थों की तस्करी
इस साल अब तक डीआरआइ ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ (एमपी-सीजी) में गांजा और चरस जैसे नशीले पदार्थ जब्त करने की कई कार्रवाई को अंजाम दिया है। इन मामलों में एनडीपीएस एक्ट के तहत 20 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
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