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इंदौर सात जड़ी-बूटियों से बना आयुर्वेदिक 'आरोग्य कसायम' काढ़ा पीने से 1380 कोरोना एसिंप्टोमेटिक मरीज ठीक हुए


इंदौर । सात जड़ी-बूटियों से बना आयुर्वेदिक 'आरोग्य कसायम' काढ़ा पीने से 1380 कोरोना एसिंप्टोमेटिक मरीज ठीक हुए हैं। अप्रैल से अक्टूबर 2020 तक शहर में बने 28 कोविड केयर सेंटर और क्वारंटाइन सेंटरों में भर्ती 3411 लोगों को यह काढ़ा पिलाया गया था, इनमें से 2111 लोग क्वारंटाइन सेंटर में रहे थे। बाकी 1380 लोग संक्रमित थे लेकिन वे एसिंप्टोमेटिक थे यानी उनमें बीमारी के लक्षण नहीं थे। इंदौर के शासकीय अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय के रिसर्च में यह बात सामने आई है।


विभाग के अनुसार इन एसिंप्टोमेटिक मरीजों को अलग से कोई दवाई-गोली नहीं दी गई थी। सुबह-शाम काढ़ा पिलाया गया जिसके बाद संक्रमण में इजाफा नहीं हुआ और संक्रमित मरीज 10 से 14 दिनों बाद ठीक होकर अपने घर चले गए हैं। आयुष मंत्रालय के निर्देश पर अप्रैल से यह शुरू किया गया। इस प्रयोग का पूरा डेटा तैयार कर प्रदेश स्तर पर भेज दिया गया है।







इस तरह तैयार किया गया काढ़ा


30 अप्रैल को अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय में एक नियंत्रण कक्ष बनाया गया। इसमें शहर के आयुर्वेद और होम्योपैथी कॉलेज से डॉक्टर व स्टॉफ को मिलाकर 25 टीम बनाई गई। जिन क्षेत्रों में अधिक मरीज मिल रहे थे वहां पर त्रिकटु चूर्ण, अणु तेल, आर्सेनिक एल्बम 30 होम्योपैथी दवाएं वितरित की गईं। साथ ही महाविद्यालय की फॉर्मेसी यूनिट में रोजाना 60 लीटर काढ़ा तैयार किया गया। अस्पतालों में काढ़ा पहुंचाने के लिए अलग टीम बनाई गई। वहां पर स्टॉफ के माध्यम से 60 से 80 ग्राम तक काढ़ा मरीजों को पिलाया गया। मरीजों और संदिग्ध लोगों से एक फॉर्म भी भरवाया गया। जिसमें यह जानकारी थी कि काढ़ा पीने के बाद वे कैसा महसूस कर रहे हैं।







 


- 3491 को पिलाया आरोग्य कसायम काढ़ा


- 2111- संदिग्ध थे क्वारंटाइन


- 1380- मरीज थे एसिंप्टोमेटिक


ये औषधियां मिलाई गईं


गया काढ़ासौठ, गिलोय, काली मिर्च, पिपली, भूमि अम्लिका, मुलेठी.


मिले हैं बेहतर परिणाम, नहीं नजर आए लक्षण


आयुष विभाग के निर्देश और गाइडलाइन का पालन करते हुए हमने 'आरोग्य कसम' काढ़ा पिलाया है। 1380 ऐसे मरीज जिनमें कोई लक्षण नहीं थे लेकिन वह कोरोना पॉजिटिव थे। उन लोगों को नियमित आठ, 10 या 14 दिनों तक यह काढ़ा पिलाया गया और वह लोग ठीक होकर अपने घर गए। बगैर लक्षण वाले मरीजों में से कई में रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आने पर बीमारी के लक्षण नजर आने लगते हैं, लेकिन काढ़े के सेवन से ये सभी स्वस्थ होकर घर गए हैं। मरीजों की पूरी जानकारी और अनुभव हमने आयुष विभाग को भेजे हैं।डॉ. विमल अरोरा, प्रभारी, फॉर्मेसी विभाग शासकीय अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय



बगैर लक्षण वालों को सिर्फ काढ़ा ही दिया गया


अप्रैल से हमने 'आरोग्य कसायम' काढ़े का वितरण शुरू किया था। कोविड केयर और क्वारंटाइन सेंटरों में भर्ती ऐसे मरीज जिन्हें लक्षण नहीं थे उन्हें कोई दवाई नहीं दी गई। सिर्फ काढ़ा और संतुलित भोजन ही दिया गया। जिसके बेहतर परिणाम सामने आए और वे लोग ठीक हो कर घर गए। कोविड अस्पतालों में जो मरीज भर्ती थे उन्हें काढ़े के साथ डॉक्टरों की सलाह पर दवाइयां दी जाती थीं।- डॉ. सतीश शर्मा, प्राचार्य शासकीय अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय


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